सामना संवाददाता / मेरठ
यूपी में भाजपा की योगी सरकार में विकास के झूठे वादे की हकीकत मेरठ के सरधना में कल हुए हादसे को जिसने भी देखा उसने ही अपने दांतों तले उंगलियां दबा लीं। हादसे को जिसने देखा सभी कहने लगे कि वाह रे यूपी पुलिस, पैसे लेकर जर्जर पुल पर भारी वाहनों को चौड़ाते रहे और इसकी भनक आला अधिकारियों तक नहीं हुई। दरअसल, यह हादसा सलावा गंगनहर पर बना पुल बीच से अचानक टूट गया। इसी दौरान इस पर से डस्ट से भरा एक ट्रक गुजर रहा था जो हादसे की चपेट में आ गया। पुल का आधा हिस्सा नहर में लटका रह गया, जबकि आगे का हिस्सा पुल पर रहा। ऐसे में चालक की सांसे भी अटकी रह गईं। उसने जैसे-तैसे कूदकर अपनी जान बचाई। वहीं पुल टूटने की खबर लगते ही मौके पर लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। वहीं इसका वीडियो बनाकर लोगों ने सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार पुल को दोबारा से बनवाने की मांग उठाई गई लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंगीr। शनिवार को आखिरकार पुल टूट गया और हादसा हो गया। गनीमत रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। ट्रक चालक भी बाल बाल ही बचा।
हवा में लटक गया ट्रक सहित चालक
जानकारी के अनुसार कल एक ट्रक चालक डस्ट लेकर पुल से गुजर ही रहा था कि बीच में पहुंचते ही पुल धराशायी हो गया। ट्रक पीछे की तरफ से नहर में लटककर झूलने लगा तो ट्रक का अगला हिस्सा ऊपर उठ गया। ऐसे में ट्रक चालक भी हवा में ही लटका रहा। काफी देर बाद चालक ने कूदकर नीचे आया और किनारे पर पहुंचा। काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणें ने ट्रक से डस्ट को नहर में ही खाली किया। बता दें कि इस पुल का ब्रिटिश काल में बनवाया गया था। तभी से इस पर आवागमन जारी था। काफी पहले ही इस पुल का समय पूरा हो गया था, ऐसे में पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता था। इसे लेकर सरकार ने वादा भी किया था कि पुल तोड़कर बनाया जाएगा लेकिन भाजपा की योगी सरकार ६ साल बीतने के बाद भी इसे बनवाने की सुध नहीं ली।
करीब दर्जनभर गांव का संपर्क टूटा
बता दें कि इसी पुल के नीचे से सलावा विद्युत गृह के लिए भी पानी जाता है। हालांकि, विद्युत विभाग का भी कोई अधिकारी हादसे के बाद मौके पर नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने बताया कि पुल के टूटने से करीब दर्जनभर गांव का संपर्क आपस में टूट गया है। ग्रामीण आने-जाने के लिए परेशानी हो रही है। बताया गया कि सलावा, जमालपुर, कुशावली, ज्वालागढ़, खेड़ा, अक्खेपुर सहित दर्जनों गांवों का आवागमन बाधित हो गया है।
पीएम मोदी ने खेल विवि का किया था शिलान्यास
ग्रामीणों का कहना है कि सलावा ग्राम को जोड़ने वाला पुल है। सलावा में प्रधानमंत्री की प्राथमिक योजनाओं में शामिल खेल विश्वविद्यालय सलावा गांव में ही प्रस्तावित है। पीएम मोदी ने सलावा गांव में ही खेल विवि का शिलान्यास किया था। इस दौरान भी ग्रामीणों ने पुल के दोबारा निर्माण की मांग उठाई थी लेकिन अधिकारियों ने इसे अनसुना कर दिया। सलावा संपर्क मार्ग पर दिन निकलते ही धंसे गंगनहर पुल पर निरीक्षण को घटना के कई घंटे बाद भी सिंचाई विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश पैâल गया।