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उल्हासनगर में जलापूर्ति योजना हुई फेल! …करोड़ों रुपए खर्च कर बनी पानी की टंकी

-फिर भी पानी के लिए तरस रहे हजारों लोग
अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
राज्य के मुख्यमंत्री ठाणे जिले से आते हैं, लेकिन उसी ठाणे जिले के अंतर्गत आने वाले उल्हासनगर में मनपा की लापरवाही से हजारों लोग पीने के पानी से वंचित हैं। बता दें कि यहां करोड़ोें रुपए खर्च करके बड़ी पानी की टंकी बनाई गई, लेकिन तकनीकी कारणों से उसमें पानी नहीं भर पाता है, जिससे बड़ी आबादी को पानी के लिए जूझना पड़ रहा है।
बता दें कि यह टंकी दस साल पहले बनी थी, जो कि उल्हासनगर एक के तिलक नगर के समीप स्थित है। इस टंकी में तीस मीट्रिक लीटर पानी भरने की क्षमता है। लोगों का आरोप है कि अभियंता ने इस टंकी को ऐसा बनाया है कि इसमें पानी ही नहीं भरता है। टंकी की रचना ही गलत की गई हैं। लोगों का यह भी कहना है कि कई बार शिकायत के बाद भी तकनीकी खराबी को आज तक नहीं दूर किया गया। बता दें कि इस पानी की टंकी को कोणार्क कंपनी द्वारा वर्ष २०१४ में बनाया गया था।
लोगों की मानें तो टंकी में पानी की सप्लाई करने पर इसमें सौ लीटर पानी भी नहीं भरता है। सप्लाई के लिए उच्च क्षमता की मोटर लगाई गई है। उच्च क्षमता का मोटर होने के कारण ट्रांसफॉर्मर भी लगाया गया। इसके अलावा पैनल बोर्ड लगाया गया है और उसकी सुरक्षा के लिए एक कमरा बनाया गया है। अब स्थिति यह है कि टंकी से पानी लीकेज हो रहा है, जिसके बाद अब पानी की टंकी पर वाटर प्रूफिंग का काम किया जा रहा है। यह काम भी शिंदे नामक ठेकेदार को दिया गया है।
टंकी में पानी न होने से तिलक नगर, कमला नेहरू नगर, वाल्मीकि नगर जैसे इलाके को पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है, जो पानी की सप्लाई होती भी है तो उसका फोर्स काफी कम होता है। इस बारे में स्थानीय समाजसेवक शालिकराम सोनवने ने जहां जवाबदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की है, वहीं कोणार्क कंपनी के ठेकेदार राजेश बदरिया ने बताया कि कोणार्क कंपनी का कोई दोष नहीं है। वे आगे कहते हैं कि हमें जैसा ड्राइंग बना कर दिया गया था, उसी ड्राइंग के हिसाब से हमने टंकी बनाई है। इसके लिए सरकारी अभियंता जिम्मेदार है। उल्हासनगर के विभागीय अभियंता दीपक डोले ने बताया कि दस साल से बंद टैंक को दो-चार माह में शुरू किया जाएगा, जल्द ही लोगों को सुचारु रूप से पानी मिलने लगेगा।

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