• पीएम मोदी और राहुल गांधी का लिखित संदेश भी पढ़ा गया
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के मुंबई स्थित जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में पार्टी लाइन से अलग देशभर के दो हजार से अधिक (२,२००) विधायक जुटे हैं। तीन दिन चलनेवाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन भारत (एनएलसी भारत) का कल अंतिम दिन था। सम्मेलन के तीसरे दिन पूर्व उपराष्ट्रपति वेंवैâया नायडू ने अपने भाषण में कहा कि मैं सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हो गया हूं, लेकिन मैं निष्क्रिय नहीं हुआ हूं। उन्होंने कहा कि यहां उपस्थित विधायकों से मैं कहना चाहूंगा कि ऊंचा लक्ष्य रखें, कड़ी मेहनत करें, अनुशासन बनाए रखें और समय के पाबंद रहें। उन्होंने आगे कहा कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे देश में २० प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। १८ प्रतिशत निरक्षर हैं। हमें अभी सार्वजनिक जीवन में लैंगिक समानता हासिल करनी है।
नायडू ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि हम प्रतिद्वंद्वी हैं, दुश्मन नहीं, हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। प्रतिद्वंद्वियों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार करना चाहिए। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लिखित संदेश भी पढ़ा गया।
लड़खड़ाना नहीं चाहिए- चव्हाण
एनएलसी भारत के तीसरे दिन महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने वीडियो कॉन्प्रâेंसिंग के माध्यम से विधायकों की सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब दुनिया ने इतना विशाल सम्मेलन देखा है। आज हम जिन सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं उनमें से एक भारत को उदार लोकतंत्र और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में संरक्षित करना है, जिसकी हमारे संस्थापकों ने कल्पना की थी। उन्होंने कहा कि विभिन्न चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं और राज्य अलग-अलग रास्तों का अनुसरण कर सकते हैं। लेकिन हमें संविधान में निहित भारत की मूल अवधारणा से कभी नहीं लड़खड़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें एक उदार और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र विरासत में मिला है, उसे मजबूत करने के लिए हमें अटूट प्रतिबद्धता दिखानी होगी। यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र ही वह रास्ता है, जिससे निकट भविष्य में भारत समावेशी विकास को सुनिश्चित कर सकता है।
राजनीति में कड़वाहट भर गई है- बृंदा करात
गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में सम्मेलन में हिस्सा ले रहीं वरिष्ठ वामपंथी नेता बृंदा करात ने कहा कि ऐसे समय में जहां राजनीति में इतनी कड़वाहट भर गई है। एक ऐसी थीम पर सम्मेलन का आयोजन करना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि भारत में पुरुषों और महिलाओं ने स्वतंत्रता संग्राम में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी है। फिर भी हमारे पास राजनीति में पर्याप्त महिलाएं नहीं हैं।
राष्ट्र के लिए सकारात्मक संदेश- गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन हमारे राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक संदेश भेजता है। यह एक बेहतरीन शुरुआत है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में काम करेगा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी का भी लिखित संदेश सम्मेलन में पढ़ा गया।