राज ईश्वरी
लोकल ट्रेन हमेशा की तरह खचाखच भरी थी हालांकि वक्त रात का था। एक यात्री ने अपने साथी से पूछा, ‘अरे तुमने तस्लीमा नसरीन का पोस्ट देखा… बांग्लादेश में हिंदू..?’
दूसरे ने बड़े ही बेहयाई अंदाज में कहा, उस पागल औरत का पोस्ट क्या देखना… वह इस देश में आग लगाने के अलावा क्या कर सकती है…?’
एक समझदार से दिखने वाले यात्री ने बीच में कहा, ‘आपने अगर उसकी पोस्ट नहीं देखी तो उसे आप गाली मत दीजिए…’ शायद उसे तस्लीमा नसरीन के बारे में उसके शब्द नागवार गुजरे थे।
‘मैंने कौन सी गाली दी और ऐसा क्या उसने पोस्ट किया है..? उसका सवाल था।
‘नसरीन ने पोस्ट में बताया कि किस तरह हिंदुओं को सताया जा रहा है बांग्लादेश में…’ ‘तो पोस्ट डालने से क्या वह हिंदुओं को बचा लेगी…? यह उसका दोगलापन है… वहां के हिंदुओं की उसको क्या फिकर है? और क्यों है? उसके लिए हमारी सरकार है न… हम लोग बहुत कुछ कर रहे हैं, वहां के हिंदुओं के लिए समझे तुम…?
उसने जिस अंदाज से अपने वाक्यों को पूरा किया, उससे शायद अगला समझ गया था कि वह किस मानसिकता वालों से उलझ रहा है। उसने चुप रहना ही ठीक समझा।
दरअसल, हो भी ऐसा ही रहा है। एक ऐसा नैरेटिव सेट कर दिया गया है की सब समझने लगे हैं यह सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है। बांग्लादेश ही क्या दुनियाभर के सारे हिंदू अब बिल्कुल सुरक्षित हैं, क्योंकि उनका आका हिंदुस्थान में बैठकर सब ठीक कर रहा है। लेकिन वाकई सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है?
अभी-अभी खबरें चलाई जा रही हैं कि एक अमेरिकी सांसद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले पर आपत्ति जताई है। खबर यूं पैâलाई जा रही है कि ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाने के बाद उनके दोस्त की शक्ति दोगुनी हो गई है! यह बात काबिलेतारीफ है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में हिंदू समुदाय के लोगों ने वैश्विक कार्रवाई की मांग की है… लेकिन क्या यह काफी है?
कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं। खालिस्तानी चरमपंथियों का निशाना बन रहे हैं। वहां के हिंदू बेबस हैं क्योंकि वहां की सरकार खालिस्तानियों का सपोर्ट कर रही है! हिंदुओं पर अत्याचार सिर्फ इन देशों में ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी हो रहे हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रह रहे हिंदू अपनी व्यथा कह-सुनकर लगभग निराश हो चुके हैं! आते हैं तस्लीमा नसरीन के पोस्ट पर। निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर झड़पों का एक व्यथित करने वाला वीडियो साझा किया, जिसका शीर्षक था, ‘हिंदुओं पर पुलिस और आर्मी ने हमला किया। चटगांव, हजारी लेन, बांग्लादेश। फुटेज में अराजकता के दृश्य दिखाए गए हैं, जिसमें सुरक्षा बलों की नागरिकों से झड़प हो रही है, वे प्रदर्शनकारियों का पीछा कर रहे हैं और उन्हें डंडों से पीट रहे हैं। स्थानीय मीडिया आउटलेट प्रोथोम एलो के मुताबिक, भीड़ को तितर-बितर करने के प्रयास में हवा में खाली राउंड फायर किए गए और सुरक्षाकर्मियों को हिंसा के आगे की रिकॉर्डिंग को रोकने के लिए क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे हटाते हुए देखा गया।
क्या हुआ बांग्लादेश में…
बांग्लादेश के चटगांव में ५ नवंबर को एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के बाद तनाव पैâल गया, जिसके कारण हिंदू समुदाय और बांग्लादेशी सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें हुर्इं। यह अशांति कट्टरपंथी इस्लामी समूह जमात-ए-इस्लामी के सदस्य उस्मान अली द्वारा हिंदू धर्म और अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज (इस्कॉन) को निशाना बनाते हुए अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने के बाद शुरू हुई।
जवाब में, स्थानीय हिंदू विरोध करने के लिए अली की दुकान के बाहर एकत्र हुए, जिसके परिणामस्वरूप प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई। जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई तो बांग्लादेशी सेना और अन्य सुरक्षाकर्मियों को हजारी गली क्षेत्र में व्यवस्था बहाल करने के लिए तैनात किया गया।
हजारी गली, मुख्य रूप से हिंदुओं द्वारा बसा हुआ एक व्यस्त बाजार क्षेत्र है जो भारी निगरानी में है। हालात ये हैं कि चल रहे सैन्य अभियानों के कारण निवासी वहां से निकलने में असमर्थ हैं। सेना द्वारा घर-घर जाकर तलाशी ली जा रही है, जिससे हिंदू समुदाय में उत्पीड़न की चिंता और बढ़ गई है। वहां पर हिंदुओं की आबादी का केवल ८ प्रतिशत है। दरअसल, हिंदू प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के प्रबल समर्थक रहे हैं। यह बात दिलासा देने लायक नहीं है बिल्कुल भी नहीं कि नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने हमलों की निंदा की है और इन हिंसक घटनाओं के बीच हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समुदाय के नेताओं के साथ सहयोग करने की कसम खाई है। क्योंकि जब से बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ है तब से हिंदुओं पर अत्याचार जारी है और मोहम्मद यूनुस इसी तरह का राग अलाप रहे हैं। जाते-जाते एक बात और हमारे देश की सरकार ने बांग्लादेश को कड़ी चेतावनी दी है! कड़ी चेतावनी! यह वही देश है जिसने बांग्लादेश को पाकिस्तान की गुलामी से मुक्ति दिलाई थी!