यह क्या लेकर आए लोग।
गाना हमें सुनाए लोग।।
दूर देश से बातें करके।
माया जाल बिछाए लोग।।
रुपए पैसे के नीचे ही।
सारा सत्य छुपाए लोग।।
यहां और कुछ वहां और ही।
अदल बदल बतियाए लोग।।
सत्य बोलना छोड़ दिए हैं ।
झूठ यहां फैलाए लोग।।
आश्वासन के रथ पर हमको।
बार-बार बैठाए लोग।।
सारा मौसम बदल दिए हैं।
ना समझी हैं लाए लोग।।
हमको बढ़िया शब्द सुनाकर।
सुबह शाम भरमाए लोग।।
चश्मा मेरा ठीक नहीं है।
यही बात समझाएं लोग।।
ऊसर पापड़ बंजर धरती।
हरियाली भी खाए लोग।।
ठहरो तुमको प्यार मिलेगा।
कहकर हमें रिझाये लोग।।
नरक द्वार वे खोल दिए हैं।
नफरत हैं बरसाए लोग।।
यह क्या लेकर आए लोग।
गाना हमें सुनाए लोग।।
अन्वेषी