सामना संवाददाता / मुंबई
एमएमआर (महामुंबई क्षेत्र) में प्रस्तावित तीसरे एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर शुक्रवार को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक आदित्य ठाकरे ने विधानसभा में मुद्दा उपस्थित किया। आगामी दस-पंद्रह साल की जरूरत को देखते हुए महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में पालघर जिले में तीसरे हवाई अड्डे की तैयारी शुरू की गई थी, उसका क्या हुआ? ऐसा सवाल आदित्य ठाकरे ने किया है।
आघाड़ी सरकार के दौरान लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट की तर्ज पर पालघर में सैटेलाइट एयरपोर्ट बनाने की योजना थी। महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई थी। उस बैठक में प्रस्तावित एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को लेकर तत्काल काम करने का आदेश दिया था। विधानसभा में हवाई अड्डे पर चर्चा में भाग लेते हुए आदित्य ठाकरे ने सदन को पालघर में नियोजित हवाई अड्डे की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि नई मुंबई एयरपोर्ट अगले साल तक बन जाएगा।
कहां गया रत्नागिरी हवाई अड्डे का फंड?
इस चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने नासिक, रत्नागिरी और पुणे हवाई अड्डों के मुद्दे पर भी सदन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि एयरपोर्ट की चर्चा में अक्सर नासिक या शिरडी एयरपोर्ट की चर्चा होती थी, लेकिन इस चर्चा में दोनों एयरपोर्ट को न्याय नहीं मिला।
जुहू एयरपोर्ट और ट्रैफिक कंजेशन
जुहू एयरपोर्ट और उस इलाके में ट्रैफिक कंजेशन पर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि क्या जुहू एयरपोर्ट को छत्रपति शिवाजी महाराज एयरपोर्ट से जोड़नेवाला कोई सबवे बनाया जाएगा? जुहू हवाई अड्डे के बगल में समुद्र तट के पास घुमावदार सड़क पर ट्रैफिक जाम अक्सर रहता है। उस जगह पर भी सबवे की चर्चा हो रही थी, उसका क्या हुआ? उन्होंने कहा कि मुंबई एयरपोर्ट पर प्राइवेट विमान खड़े रहते हैं। अगर उन विमानों को महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी में खड़ा किया जाए तो कंपनी और सरकार को राजस्व मिलेगा।