इन दिनों मीडिया में सनकी आशिकों की खबरें खूब आ रही हैं। ये ऐसे आशिक हैं जो किसी लड़की को हद से ज्यादा प्यार करते हैं, फिर अचानक उनके दिमाग में केमिकल लोचा होता है और वे उसी को बेरहमी से मार डालते हैं, जिसे कभी टूटकर चाहा था। दिल्ली की साक्षी हत्याकांड के बाद ऐसी कई और घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं के विश्लेषण से पता चलता है कि प्रत्येक क्रूर कृत्य से पहले ही खतरे की चेतावनी छुपी थी। इसमें सामने आया कि किसी ने भी इस तरह की क्रूर हिंसा का सहारा लेने वाले ‘डरपोक और शर्मीले लड़कों’ का अनुमान नहीं लगाया था। मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि अंतर्मुखी, अशांत बचपन वाले लोग अक्सर रिजेक्शन (प्यार का ठुकराना) झेल नहीं पाते हैं। इसकी वजह उनका समाज में घुलने-मिलने से बचना है। प्यार में ठुकराए हुए लोगों के व्यक्तित्व में नकारात्मक बदलाव आ जाता है। इस तरह के मामलों की जांच करने वाले चेतावनी देते हैं कि स्टॉकिंग को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। मामले से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पीड़ितों और उनके परिवारों ने शुरुआत में ही पुलिस से मदद मांगी होती तो शायद उनकी जान नहीं जाती।
इस मामले में पुलिस का भी अपना पक्ष है। पुलिस का कहना है कि आम तौर पर माता-पिता अपनी बेटियों के ‘सम्मान’ और परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा के नुकसान के कारण पुलिस से संपर्क नहीं करना चाहते हैं। हालांकि, हम समय पर एक्शन लें तो कीमती जान बचाई जा सकती है। स्थिति यह है कि प्यार करने वाला युवक अपनी सनक में हैवान बन जा रहा है।
मार दी गोली
१९ साल का अमानत अली भी १६ साल की नैना पर अपना दिल हार बैठा था। अमानत ने महीनों तक नैना का पीछा किया। उसने सोशल मीडिया पर अरमान नाम से अकाउंट बनाया। अमानत अली एक शर्मीला लड़का था, वहीं अरमान तेजतर्रार था। अरमान के रूप में उसने इंस्टाग्राम पर खुद को बाइक की सवारी और पार्टी करने के शौकीन के तौर पर पेश किया। हालांकि, सच्चाई यह थी कि अली ज्यादातर अपने आप में ही खोया रहता था। नैना ने रिश्ते के लिए उसके बार-बार के प्रस्ताव को नकार दिया। पिछले साल २५ अगस्त को अली ने ११वीं कक्षा की छात्रा नैना का स्कूल जाते समय पीछा किया। इसके बाद उसे करीब से गोली मार दी। इधर, नैना आईसीयू में जीवन और मौत की जंग लड़ रही थी। उधर अली अपने रिश्तेदारों के पास छुपने के लिए मुजफ्फरनगर भाग गया। हालांकि पुलिस ने कुछ दिन बाद उसे पकड़ लिया।
कुल्हाड़ी से काट डाला
डीयू ग्रेजुएट प्रवीण नौकरी की तलाश में था। इस बीच साउथ दिल्ली के मोती बाग में अपने पड़ोस की एक १६ वर्षीय लड़की से प्यार हो गया। उसने महीनों तक उसका पीछा किया लेकिन लड़की ने उसका प्रेम प्रस्ताव ठुकरा दिया। अब प्रदीप का व्यवहार बदलने लगा। अब वह ऐसा लड़का था जो उस लड़की से प्यार नहीं बल्कि उससे नफरत करता था। साल २०२१ में लड़की के पिता ने प्रवीण को प्रताड़ित करने के लिए थप्पड़ मार दिया। आक्रोशित युवक ने आरकेपुरम से कुल्हाड़ी खरीदी। उसने १३ जुलाई को स्कूल से घर जा रही लड़की को काट डाला। जब लड़की अपनी जिंदगी के लिए अस्पताल जीवन के लिए संघर्ष कर रही थी, तब प्रवीण हरियाणा के पलवल में अपनी बहन के घर में छिपा था। २४ घंटे बाद जब लड़की की मौत हो गई तो पुलिस उसकी निशानदेही पर पहुंची और प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया।
२२ बार कैंची से गोदा
सुरेंद्र सिंह नाम का एक व्यक्ति ऐसा था कि कॉकरोज को देखते ही उछल पड़ता था। वह बेहद ही डरपोक और दब्बू किस्म का इंसान था। साल २०१४ में उसने कंप्यूटर ट्रेनिंग क्लास में एडमिशन लिया। वहां उसकी मुलाकात करुणा नाम की एक महिला से होती है। ये उसको प्यार करने लगा फिर इसका प्यार जुनून में बदल गया। सुरेंद्र, करुणा का फेसबुक पासवर्ड भी चुरा लेता है। वह उसके फेसबुक चैट को एक्सेस कर लेता है। इस सब चीजों से अनजान करुणा, सुरेंद्र सिंह को केवल एक अच्छा दोस्त मानती थी। यहां तक कि वह बेझिझक सुरेंद्र के घर, लंच के लिए चली जाती थी। साल २०१५ की शुरुआत में सुरेंद्र ने उसके लिए अपने प्यार का इजहार किया। करुणा ने उसे ठुकरा दिया। रिजेक्शन ने ३४ वर्षीय सुरेंद्र को एक अंधेरी दुनिया में धकेल दिया। सुरेंद्र ने सितंबर २०१६ में करुणा पर एक बर्बर हमला किया। उसने एक व्यस्त बाजार में सार्वजनिक रूप से करुणा को कैंची से २२ बार गोद दिया था।