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औरतों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए क्या किया? … सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने देश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा को लेकर दायर की गई एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजा। उच्चतम न्यायालय में दायर इस याचिका में दोषियों की क्लीनिकल नसबंदी और
पॉर्न वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने सहित दूसरे उपायों पर सलाह दी गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने महिला अधिवक्ता संघ की इस याचिका पर जवाब देने को कहा है।
याचिका के पक्ष में दलील देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महालक्ष्मी पवनी ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए ऑनलाइन पोर्नोग्राफी पर प्रतिबंध लगाने और क्लीनिकल नसबंदी करने जैसे कड़े उपाय लागू किए जाने की जरूरत है। उन्होंने १६ दिसंबर‌ २०१२ के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले की बरसी का जिक्र करते हुए कहा कि कई मामलों में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने निर्भया से लेकर `अभया’ मामले का भी जिक्र किया और कहा कि कई कड़े कानून और सजा का प्रावधान है, लेकिन सवाल यह है कि उनको सही तरह लागू किया जा है।

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