मनमोहन सिंह
अग्निवीर योजना को लेकर राहुल गांधी के आरोपों को भले ही भारतीय जनता पार्टी सिरे से नकारने में लगी हुई है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि अब भाजपा भी इसे स्वीकारने लगी है कि अग्निवीर योजना उसके गले की हड्डी बन गई है और लोकसभा चुनाव में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। गौरतलब है कि लोकसभा में बहस के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी से ड्यूटी के दौरान मारे गए अग्निवीरों के परिजनों को वित्तीय सहायता के बारे में `गलत बयान’ देकर सदन को गुमराह न करने का ज्ञान देकर भाजपा की चमड़ी बचाने की भी कोशिश थी।
भाजपा के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि रविवार को उत्तर प्रदेश के नतीजों की समीक्षा करते हुए पार्टी के संगठन महासचिव बी. एल. संतोष को पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन के लिए इस योजना को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और इसे वापस लेने की मांग की। भाजपा प्रवक्ता का यह भी कहना था कि चैनलों के टीवी डिबेट पर उन्हें अग्निवीर योजना का बचाव करना मुश्किल लग रहा है और उचित तर्क के अभाव में उन्हें कई टीवी डिबेट को वैंâसिल करना पड़ रहा है।
हालांकि, उत्तर प्रदेश में २९-संसदीय क्षेत्रों में पार्टी की हार के कारणों का विश्लेषण करने के साथ-साथ मीडिया में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के काम को लोकप्रिय बनाने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी। बड़ी बात यह है कि यह शिकायत सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात नहीं, बल्कि राजस्थान के भाजपा नेताओं ने इस योजना के बारे में शिकायत की और चार सीटों पर हार के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया। अग्निवीर का मामला आलाकमान को भेजी गई समीक्षा रिपोर्ट में भी शामिल है।
इस बात में दो राय नहीं कि मोदी सरकार अग्निवीर योजना के नकारात्मक प्रभाव से वाकिफ नहीं है, लेकिन वह अपनी इस योजना को मुफीद साबित करने में जी तोड़ से लगी हुई है। हालांकि, केंद्र सरकार ने पैरामिलिट्री फोर्स में अग्निवीरों को १० फीसदी आरक्षण की घोषणा की है, फिर भी सवाल रह जाता है कि ६५ प्रतिशत अग्निवीरों का क्या होगा? क्योंकि शॉर्ट सर्विस के बाद जो अग्निवीर सेवा से बाहर होंगे, उनमें से कितने फीसदी अग्निवीरों को पैरामिलिट्री फोर्स में समाहित किया जा सकेगा? क्योंकि यदि १०-१० फीसदी अग्निवीरों को भी चार अलग-अलग पैरामिलिट्री फोर्स में समाहित किया गया तो मोटे तौर पर यह आंकड़ा ४ प्रतिशत ही होगा। जानकारों का मानना है कि सरकार की यह नई घोषणा सिर्फ अग्निवीर योजना के खिलाफ विपक्ष के तीखे सवालों और अग्निवीरों की नाराजगी को डाइल्यूट किया जा सके! फिलहाल, यह योजना मोदी सरकार के गले की हड्डी बनी हुई है, जो न निगलते बन रही है और नहीं उगलते।