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जो भाजपा की पेट में है वही बावनकुले के जुबान पर!-नाना पटोले का तीखा तंज

सामना संवाददाता / मुंबई
वर्ष २०१४ से भाजपा सरकार देश में लोकतंत्र और संविधान को कुचलते हुए मनमाने और तानाशाही रवैये से काम कर रही है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि भाजपा ने शिवसेना और राकांपा को तोड़कर अनैतिक और असंवैधानिक तरीके से सत्ता हासिल करने का पाप किया है।
नागपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पत्रकारों का अपमान करने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की निंदा की। साथ ही उन्होंने मांग की कि वे राज्य में पत्रकारों से माफी मांगें। उन्होंने आगे कहा कि जो बात भाजपा के पेट में है, वही बात बावनकुले के होंठ पर आ गई है। भाजपा की नीति रही है कि सत्ता में आने के लिए अनैतिक मार्ग का प्रयोग करना और सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार करके धन कमाने के साथ ही उसी धन का प्रयोग कर अनैतिक मार्ग से सत्ता में वापस आना है। इसी तरह भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, उत्तराखंड और महाराष्ट्र में सत्ता हासिल की।
शिवसेना विधायकों को सूरत और गुवाहाटी के होटलों में ले जाकर और खोके बांटकर भाजपा ने महाविकास आघाड़ी सरकार को गिरा दिया। इसके बाद और ‘घातियों’ के साथ सत्ता हासिल कर ली। असंवैधानिक तरीके से आई यह सरकार पिछले एक साल से अनैतिक तरीके से आगे बढ़ रही है। हर जगह भ्रष्टाचार व्याप्त है। अपराध बढ़ गया है। सत्ता पक्ष के विधायक थाना परिसर में फायरिंग कर रहे हैं। विधायकों के बेटे उद्यमियों का अपहरण कर फिरौती मांग रहे हैं। प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे कराए जा रहे हैं। सरकार के इन पापों को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया और पत्रकार जनता के सामने ला रहे हैं। पत्रकारों ने इस सरकार का असली चेहरा जनता के सामने उजागर कर दिया है। सरकार ने भाजपा नेता के नंगे नाच को जनता के सामने लानेवाले लोकशाही न्यूज चैनल का प्रसारण बंद कर दिया। आरक्षण को लेकर आंदोलन करनेवाले मराठा बंधुओं के प्रति सरकार के मन में क्या है, ये विडियो के जरिए जनता के सामने लानेवाले पत्रकार सुधीर सूर्यवंशी का ट्विटर अकाउंट बंद करने के लिए सरकार ने ट्विटर से शिकायत की। यह अत्यंत निंदनीय है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पत्रकारों को ढाबे पर ले जाकर चाय-पानी पिलाने का निर्देश अपने पदाधिकारियों को दे रहे हैं। इससे यह प्रतीत हो रहा है कि इतने सब हथकंडों के बावजूद उनके पाप नहीं छुप पा रहे हैं और हार निश्चित है।
महाराष्ट्र में पत्रकारिता की समृद्ध विरासत है। लोकमान्य तिलक जैसे संपादकों ने ब्रिटिश सरकार का दिमाग ठिकाने पर है क्या? इस तरह का साफ सवाल अपने संपादकीय से अत्याचारी ब्रिटिश सरकार से पूछा था। क्या अब चंद्रशेखर बावनकुले का दिमाग सही जगह पर है? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बावनकुले को ऐसा सवाल पूछने से पहले पत्रकारों से माफी मांगनी चाहिए।

समृद्ध संसदीय परंपरा नहीं होनी चाहिए धूमिल
विधानसभा अध्यक्ष को अब तक टूटे हुए विधायकों की अयोग्यता पर फैसला ले लेना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को फटकार लगाते हुए उन्हें तुरंत सुनवाई कर पैâसला लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सुनील प्रभु ही शिवसेना के प्रतोद हैं। एकनाथ शिंदे के प्रतोद पद पर भरत गोगावले की नियुक्ति को कोर्ट ने रद्द कर दिया है। विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मंजूर होगा, इस तरह का हलफनामा दिया है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट फैसला लेती है तो महाराष्ट्र की समृद्ध संसदीय परंपरा को नुकसान पहुंचेगा और महाराष्ट्र बदनाम होगा। इसलिए राहुल नार्वेकर को नियमानुसार तत्काल निर्णय लेना चाहिए। नाना पटोले ने यह भी कहा कि किसी के दबाव में काम करके महाराष्ट्र की समृद्ध संसदीय परंपरा को धूमिल नहीं किया जाना चाहिए।

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