-३ किमी तक ट्रैक भी टूटा
-कई ट्रेनें रद्द, रूट भी डायवर्ट
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कल सुबह हरियाणा के तरावड़ी स्टेशन से कुछ ही दूरी पर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब चलती मालगाड़ी से ८ कंटेनर पटरी पर गिर गए। मौके पर पहुंचने के बाद अफसरों ने बताया कि मालगाड़ी के दो पहिए भी पटरी से उतरे हुए थे। हालांकि, राहत की बात यह रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। हादसे के बाद दोनों तरफ से आने वाली ट्रेनों को रुकवा दिया गया। घटना की सूचना मिलने पर रेलवे के अधिकारी और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। कंटेनर गिरने की वजह से रेलवे ट्रैक के साथ-साथ बिजली की लाइनों को भी नुकसान पहुंचा।
हादसे की वजह से १४ पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द किया गया, वहीं ३८ ट्रेनों के रूट को डायवर्ट किया गया। इस रूट पर करीब ६० से ७० रेलगाड़ियां रोजाना अप-डाउन करती हैं। हादसे की वजह से वो प्रभावित हुर्इं। शुरुआती जांच में पता चला है कि मालगाड़ी का एक्सल टूटने की वजह से एकदम से झटका लगा और आठ कंटेनर रेलवे ट्रैक पर जा गिरे। मालगाड़ी के कुछ पहिए भी पटरी से उतर गए। पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि मुझे सुबह करीब ४ बजकर ४० मिनट पर सूचना मिली थी कि तरावड़ी रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई है। उसके ८ कंटेनर गिर गए हैं, इसकी जांच की जाएगी। हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है। रेलवे ट्रैक करीब ३ किलोमीटर तक डैमेज हो गया है। इसे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। सभी ८ कंटेनर खाली बताए जा रहे हैं। डीआरएम समेत मंडल के सभी बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। रेलवे की तरफ से जांच की जा रही है।
हर साल कितने हादसे?
सरकार का दावा है कि २००४ से २०१४ के बीच हर साल औसतन १७१ रेल हादसे होते थे, जबकि २०१४ से २०२३ के बीच सालाना औसतन ७१ रेल हादसे हुए। आंकड़े बताते हैं कि भारत में ट्रेन हादसों में बीते कई दशकों में कमी आई है। रेलवे की ईयर बुक के मुताबिक, १९६०-६१ से १९७०-७१ के बीच १० साल में १४,७६९ ट्रेन हादसे हुए थे। २००४-०५ से २०१४-१५ के बीच १,८४४ दुर्घटनाएं हुर्इं, वहीं २०१५-१६ से २०२१-२२ के बीच छह सालों में ४४९ ट्रेन हादसे हुए। इस हिसाब से १९६० से लेकर २०२२ तक ६२ सालों में ३८,६७२ रेल हादसे हुए हैं। यानी हर साल औसतन ६०० से ज्यादा दुर्घटनाएं हुर्इं।