-उद्धव ठाकरे का जोरदार हमला
सामना संवाददाता / मुंबई
हमारी लड़ाई लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए है। इस संविधान को बदलने के लिए भाजपा को ४०० पार करना है। लेकिन जब सभी एकजुट होते हैं, तब तानाशाही का अंत होता है। मैं एक घोषणा हमेशा करता हूं, यानी ‘अबकी बार भाजपा तड़ीपार’, जिसकी शुरुआत आज से हो गई है। शिवतीर्थ से जब भी बिगुल फूंका जाता है, तब पूरा देश उस मार्ग पर चलता है। इस तरह की हुंकार भरते हुए शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा और नरेंद्र मोदी को चुनौती भी दी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का समापन समारोह कल मुंबई के शिवतीर्थ पर हुआ। इस दौरान उपस्थित जनसागर को संबोधित करते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा केवल एक गुब्बारा है। मुझे बुरा इस बात का लगता है कि उस गुब्बारे में हमने हवा भरी और अब उनके दिमाग में हवा भर गई है। अब मुझसे ही पूछते हैं कि आपकी कितनी सीटें आएंगी? उनसे पूछो तो कहते हैं कि ४०० पार। क्या ४०० पार? क्या ये फर्नीचर की दुकान है? उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज देशभर से ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता यहां आए हैं। आज जो परिस्थिति है, वह केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में है। इस तरह का तंज भी उन्होंने कसा।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं, वो लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए है। शिवसेनाप्रमुख कहते थे कि कोर्ट में किसी धर्मग्रंथ की बजाय संविधान पर हाथ रखकर शपथ दिलाने की शुरुआत करनी चाहिए। इनके एक मंत्री अनंतकुमार हेगड़े ने कहा कि हमें संविधान बदलने की जरूरत है। आपको पता होगा ही कि इस समय रूस में चुनाव चल रहा है। लेकिन वहां व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ कोई नहीं लड़ेगा। वहां जो भी विरोधी हैं, वे या तो जेल में हैं अथवा तड़ीपार कर दिए गए हैं। लड़ने के लिए कोई रह ही नहीं गया है। लेकिन दिखाते ऐसे हैं कि मैं लोकतंत्र को मानता हूं। देखो मैंने चुनाव कराया, लेकिन मेरे सामने कोई खड़ा ही नहीं है तो मैं क्या करूं?
व्यक्ति देश से बड़ा नहीं होना चाहिए
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि देश मेरा धर्म है। देश बचेगा, तभी हम बचेंगे। व्यक्ति की पहचान देश होनी चाहिए। व्यक्ति देश से बड़ा नहीं होना चाहिए। कोई कितना भी बड़ा होगा, फिर भी उससे बड़ा मेरा देश है। ये लोग आज जो विज्ञापनबाजी कर रहे हैं मोदी सरकार…यानी आपके दिमाग में अब देश का नाम बदलने का सपना है क्या? इस तरह का सवाल भी उद्धव ठाकरे ने पूछा है।
गांव-गांव जाओ, तानाशाही का अंत करो
उद्धव ठाकरे ने आह्वान करते हुए कहा कि गांव-गांव जाओ और तानाशाही का अंत करो। उन्होंने कहा कि कितना भी अत्याचार करिए, लेकिन आपको तोड़े-मरोड़े बिना नहीं रहेंगे। यह शपथ लेकर आज मैं मैदान में उतरा हूं। आज से लोकतंत्र की रक्षा के लिए इस लड़ाई की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि हाथ में मशाल लेकर बिगुल बजाना है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनका तोड़ो-फोड़ो और राज करो का इतिहास है। वे हममें फूट डाल रहे हैं। ऐसे में उन्हें ही तोड़ो-फोड़ो और उनकी छाती पर पैर रखकर राज करो। उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई भी शासक अमरत्व का पट्टा लेकर नहीं आता है। तानाशाह कितना भी बड़ा हो फिर भी उसका अंत होता ही है।
‘अंग्रेजों चले जाओ’
राहुल जी मैं आपको धन्यवाद देता हूं और अभिनंदन करता हूं, क्योंकि आप भारत जोड़ो न्याय यात्रा का समापन महाराष्ट्र और मुंबई में कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही वह मुंबई है, जहां से महात्मा गांधी ने साल १९४२ में अंग्रेज चले जाओ का नारा दिया था। आज लोकतंत्र मरणासन्न अवस्था में पहुंच गया है, उन्हें तड़ीपार करने के लिए आपने शिवाजी पार्क चुना। उसे लेकर मैं आपको खास तौर पर धन्यावाद देता हूं। ‘इंडिया’ गठबंधन की लड़ाई पर बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस लड़ाई के लिए देश भर के ‘इंडिया’ आघाड़ी के नेता यहां आए। ऐसे में आपको लग रहा होगा कि यह परिस्थिति केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक है। हमने जब ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक की थी, तब मोदी ने कहा था कि ये विरोधी दलों की बैठक है। हम तानाशाही के विरोधी हैं, तब मोदी ने हमारे परिवारवाद पर आरोप किया। आपका परिवार आप और आपकी कुर्सी इतना ही है।