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अडानी पर लगाया आरोप तो ईडी हुई एक्टिव! …राहुल गांधी को समन भेजने की तैयारी

-हिंडनबर्ग पर खुलासे पर कांग्रेस नेता ने की जांच की मांग
-मोदी सरकार तिलमिलाई, नेता प्रतिपक्ष को कर सकती है परेशान

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्षी नेता राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय एक बार फिर पूछताछ कर सकता है। इस मामले में आधिकारिक तौर पर बयान सामने नहीं आया है। एक रिपोर्ट की मानें तो ईडी नेशनल हेराल्ड मामले में उनसे पूछताछ करना चाहती है। वहीं दूसरी ओर अब कांग्रेस का मानना है कि चूंकि राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के परम मित्र अडाणी पर आरोपों की बौछार की है इसलिए अब उन पर केंद्रीय जांच एंजेसियां निशाना साध रही हैं। राहुल गांधी को चुप कराने के लिए केंद्र सरकार अब ईडी की मदद ले रही है। ईडी को मैदान में उतारने का मतलब ही यही है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सच्चाई है। बता दें कि हिंडबर्ग पर खुलासे पर कांग्रेस नेता ने की जांच की मांग की थी। यही वजह है कि तिलमिलाई मोदी सरकार नेता प्रोतपक्ष को परेशान कर सकती है। इससे पहले ईडी ने इसी मामले में उनसे जून २०२२ में भी पूछताछ की थी। तब ईडी ने करीब ४ दौर की पूछताछ की थी। ईडी ने राहुल गांधी से ४० से अधिक सवाल पूछे थे। ईडी इस मामले में सोनिया गांधी से भी पूछताछ कर चुकी है।
बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी हाल की संसद में दिए गई ‘चक्रव्यूह भाषण’ के बाद `एक्स’ पर पोस्ट करते हुए संकेत दिया था कि ईडी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। हालांकि, इस बयान के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने राहुल गांधी पर मोर्चा खोल दिया था। बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा था कि ईडी सिर्फ ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करती है, जो किसी न किसी तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त हों। जब राहुल गांधी ने कुछ किया ही नहीं है तो उन्हें ईडी से डरने की क्या जरूरत है।

`राहुल गांधी ने कहा था चौकीदार चोर है, वो साबित हो गया’
सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति पर लगे आरोपों वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो गया। भारत सरकार ने कोई विशेष जांच की तरफ ध्यान नहीं दिया था। हिंडनबर्ग ने ही एक और रिपोर्ट निकाली, जिसमें इनके सारे कारनामे सबके सामने आ गए। ऑफशोर कंपनी में उनके निवेश सामने आ गए। जब सबकुछ सामने है तो सवाल उठता है कि माधवी बुच को जब सेबी का प्रमुख बनाया था तब क्या भारत सरकार को ये जानकारी नहीं थी? अगर नहीं थी तो ये बहुत बड़ी विफलता है। राहुल गांधी ने कहा था चौकीदार चोर है, वो साबित हो गया।

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