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‘बड़ी मछली मिली तो हमें ड्रॉप कर दिया’

एनडीए से अलग होने के सवाल पर बोले मुकेश सहनी  बीजेपी ने नहीं किया वादा पूरा

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

भाजपा ने हमेशा से मौकापरस्त राजनीति की है, इसमें कोई दो राय नहीं है। हर राज्य में `पार्टी तोड़’ राजनीति कर रही है। भाजपा सिर्फ मौके की राजनीति कर कुर्सी हथियाना जानती है। मुकेश सहनी ने एनडीए से किनारा करने के बारे में बात करते हुए कहा कि जब बीजेपी को `बड़ी मछली’ मिल गई, तो उन्हें छोड़ दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका राजनीति में आने का मुख्य उद्देश्य मछुआरा समुदाय को आरक्षण दिलाना है, लेकिन बीजेपी ने वादा करके भी इसे पूरा नहीं किया। यह बयान सहनी ने मीडिया से बातचीत के दौरान दिया, जिसमें उन्होंने अपनी नाराजगी और एनडीए से अलग होने की वजहें बतार्इं। सहनी का यह बयान राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, खासकर मछुआरा समुदाय के लिए।

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले मुकेश सहनी ने बताया कि वह एनडीए का हिस्सा हुआ करते थे, लेकिन अब राजद के साथ हैं। सहनी ने कहा कि वह तेजस्वी यादव के साथ काम करने में अधिक सहज महसूस करते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार मोदी जी और गृहमंत्री को बिहार में बार-बार आना पड़ रहा है, क्योंकि बीजेपी का समीकरण, विशेष रूप से अति पिछड़ा वोट, बिगड़ चुका है। सहनी ने एनडीए से किनारे किए जाने पर कहा कि जब नीतिश कुमार की एंट्री हुई तो उनकी जरूरत महसूस नहीं हुई और उन्हें ड्रॉप कर दिया गया। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री ने मछुआरा समुदाय को आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया। सहनी का मुख्य उद्देश्य मछुआरा समुदाय को आरक्षण दिलाना है और वह इसके लिए संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ लड़ा था, ताकि समुदाय के लिए काम हो सके, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ। सहनी ने स्पष्ट किया कि अगर वह मुख्यमंत्री बनते हैं, तो सभी १३ करोड़ लोगों के बारे में सोचेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनडीए के साथ तभी रहेंगे, जब मछुआरा समुदाय को आरक्षण मिलेगा।

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