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जब नहीं मिली नौकरी तो उच्च शिक्षित बेरोजगार बन गए ड्रग्स तस्कर!

-पकड़े गए तीन आरोपियों की पूछताछ में हुआ खुलासा
-कोई कंप्यूटर इंजीनियर है तो कोई बी.ए. पास

फिरोज खान / मुंबई
भाजपा सरकार के राज में बेरोजगारी हद से ज्यादा बढ़ चुकी है। हालत यह है कि उच्च शिक्षित युवकों को भी नौकरी नहीं मिल रही है। ऐसे में ये युवक पेट पालने और अपना घर चलाने के लिए गलत रास्ते पर जा रहे हैं। हाल ही में कुछ ऐसे उच्च शिक्षित युवकों को पकड़ा गया है, जो नौकरी नहीं मिल पाने के कारण ड्रग्स तस्कर बन गए। ये लोग मुंबई और पुणे में नशीले पदार्थों का कारोबार कर रहे थे।

पढ़ाई कंप्यूटर की
कारोबार ड्रग्स का

नारकोटिक्स सेल ने मुंबई और पुणे से कई युवाओं को नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की है, लेकिन बेरोजगारी के चलते उन्होंने नशे का कारोबार अपनाया।

बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए मजबूर कर दिया है। हालत यह है कि अब कंप्यूटर की पढ़ाई करनेवाले छात्र भी ड्रग्स बेच रहे हैं। इसके साथ ही कॉलेज के छात्रों को लग्जीरियस लाइफ का लालच देकर गैंगस्टर अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं तो कहीं ड्रग्स के तस्कर शिक्षित बेरोजगार युवाओं को खौफनाक तस्करी की दुनिया में शामिल कर रहे हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब नारकोटिक्स सेल ने मुंबई और पुणे से कई युवाओं को नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की है, लेकिन बेरोजगारी के चलते उन्होंने नशे का कारोबार अपनाया।
मिली जानकारी के मुताबिक, नारकरोटिक्स विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई और पुणे से कई युवाओं को नशे का कारोबार करते हुए पकड़ा है। पकड़े गए चार आरोपियों में से तीन आरोपी उच्च शिक्षित हैं। नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी के मुताबिक, एक आरोपी ने कंप्यूटर से डिग्री प्राप्त की है और दूसरा आरोपी बीए पास है, जबकि तीसरा आरोपी एक एयरलाइंस कंपनी में कार्यरत था। पुलिस के मुताबिक, सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई, जिसमें अंशुल मिश्रा (२७), आर्श उदय व्यास (२५) और पीयूष शरद इंगले (२२) को ड्रग्स बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से २५१ ग्राम ओजीकुश गांजा, १५ ग्राम मफेड्रोन और ६२ मिली ग्राम एलएसडी जब्त किया गया है, जिसकी कीमत १९.४५ लाख रुपए बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक, जब आरोपियों से सख्ती से पूछा गया तो यह जानकर हैरानी हुई कि तीनों आरोपी उच्च शिक्षित हैं। मुंबई से पकड़ा गया युवक आर्श व्यास पहले एक निजी एयरलाइंस कंपनी में कार्यरत था। नौकरी जाने के बाद नशे के कारोबार में शामिल हो गया। दूसरा आरोपी अंशुल मिश्रा बीए डिग्री होल्डर है और बुलढाणा का रहनेवाला है तथा तीसरा आरोपी पीयूष शरद इंगले पुणे के पिंपरी-चिंचवड का रहनेवाला है। इसी तरह पुणे में एक २५ साल के बेरोजगार युवक को ८ नवंबर के दिन सिंथेटिक ड्रग्स और एमडी के साथ गिरफ्तार किया था, जिसकी कीमत १६ लाख रुपए थी और २८ साल के बॉबी सुरवसे १४ लाख रुपए के ड्रग्स के साथ ३० नवंबर को पुणे स्थित लक्ष्मी नगर यरवडा से गिरफ्तार किया गया था।

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