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मनपा सफाई कर्मियों को कब मिलेगा मालिकाना हक वाला घर? …सरकार के पास ठोस नीति का अभाव

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबईकरों के स्वास्थ्य और साफ-सफाई का ख्याल रखने वाली मनपा में पीढ़ियों से काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को आज तक उनको मालिकाना हक के साथ घर नहीं दिया गया है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र सरकार और मनपा कोई ठोस नीति क्यों नहीं लागू कर रही है, ऐसा सवाल मनपा के सफाईकर्मी उठा रहे हैं। मागासवर्गीय मनपा सफाई कामगार विकास संस्था के अध्यक्ष सुभाष पुत्रन और उपाध्यक्ष विशाल वालोद्रा ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि सफाई कर्मचारियों की चर्चा स्वच्छ भारत अभियान के नायकों के रूप में की जाती है, लेकिन अभी तक उन्हें उनके मालिकाना हक वाले मकान नहीं दिए गए हैं। सरकार की एसआरए के तहत वर्ष २०११ तक लोगों को घर उपलब्ध कराने की नीति है। लेकिन सफाई कर्मचारियों को मकान का मालिकाना हक देने की कोई नीति नहीं है। संस्था ने आगे कहा कि महाराष्ट्र सरकार और मनपा प्रशासन के साथ-साथ मैला ढोने वाले आयोग के अनुसार, शहरी विकास विभाग द्वारा साल १९८५ को जारी परिपत्र को महाराष्ट्र सरकार द्वारा लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि उक्त परिपत्र में क्रमांक-२ में नगर विकास विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मनपा द्वारा सफाई कर्मियों के लिए जो आवास बनाए गए हैं, जिन आवासों में सफाई कर्मचारी रह रहे हैं, उनका स्वामित्व सफाई कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए, क्योंकि निर्माण राशि उनसे मकान किराये के रूप में वसूल की गई है। इसके बावजूद महाराष्ट्र सरकार द्वारा उक्त सर्कुलर लागू नहीं किया गया है। पिछड़ा वर्ग मनपा सफाई कागमार विकास संगठन की मांग है कि उक्त परिपत्र को लागू कर नगर निगम एवं नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को मालिकाना हक के साथ मकान दिए जाए।

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