मुख्यपृष्ठनए समाचारदर्शन सोलंकी आत्महत्या मामले में परिवार को कब मिलेगा न्याय?

दर्शन सोलंकी आत्महत्या मामले में परिवार को कब मिलेगा न्याय?

मुंबई कांग्रेस का राज्य सरकार से सवाल
सामना संवाददाता / मुंबई
पवई आईआईटी केस में दर्शन सोलंकी के परिवार को न्याय कब मिलेगा? मुंबई कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति के अध्यक्ष रमेश कांबले ने यह सवाल राज्य सरकार से किया है। इस बीच मुंबई आईआईटी विभाग में सांप्रदायिक नफरत बढ़ती जा रही है और मांग की जा रही है कि इस गंभीर स्थिति को समय रहते रोका जाए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आईआईटी परिसर में दर्शन सोलंकी की हत्या के बाद पूरे देश में इस घटना की कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी। इस घटना के खिलाफ विभिन्न पार्टाr संगठनों ने नाराजगी जताई थी। इस घटना के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने आजाद मैदान में धरना दिया था। उसके बाद से खुदकुशी के मामले को लेकर हर तरफ से रोष व्यक्त किया जा रहा था। आंदोलनकारी मांगकर रहे थे कि भारतीय दंड संहिता की धारा ३०२ तथा एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए। जिसमें कहा गया है कि चूंकि दर्शन सोलंकी इस मामले में मानसिक रूप से परेशान था। इसलिए यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है। अंतत: इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई। इस मामले में एक छात्र को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उसे जमानत दे दी गई है। इस मामले के बारे में पूछे जाने पर पवई पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बुधन सावंत ने कहा कि हमने मामले की ठीक से जांच की है। अब जब जांच एसआईटी के पास चली गई है तो इस बारे में ज्यादा बात करना उचित नहीं होगा। दर्शन सोलंकी आत्महत्या मामला रोहित वेमुला मामले की पुनरावृत्ति है। उच्च शिक्षा के पवई आईआईटी सेक्टर में इस तरह का जातिवाद मुंबई जैसी जगह में भी होता है, यह एक गंभीर मामला है। बाकी ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था में क्या हो रहा होगा? इसकी तुलना करना बेहतर है। दलितों के बच्चों को आईआईटी मुंबई में शिक्षा न मिले, इसके लिए क्या जान-बूझकर इस संस्थान में ऐसे मामले बनाए जा रहे हैं? ऐसा आरोप कांग्रेस पार्टाr के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष रमेश कांबले ने लगाया है। जल्द से जल्द दर्शन सोलंकी को न्याय मिले, अन्यथा इस मामले को लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

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