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कब होगा विकास, जब सर्वे ही धीमा …कछुआ गति से हो रहा धारावी का सर्वे!

चार दिन में मात्र २०१ घरों की जानकारी जुटाई
सामना संवाददाता / मुंबई
धारावी पुनर्विकास परियोजना के तहत दूसरे चरण में घरों का सर्वे कछुआ गति से चल रहा है।  सर्वे के लिए उपयोग की जाने वाली टैब में उचित रेंज नहीं होने के कारण ओटीपी सही समय पर नहीं मिल रहा है। इसके अलावा सर्वे में पर्याप्त रोशनी की कमी के कारण स्कैनिंग में काफी समय लग रहा है। पिछले चार दिनों में केवल २०१ घरों की जानकारी एकत्र की जा सकी है। एक लाख घरों का सर्वे पूरा करना एक बड़ी चुनौती है। जिसे छह से आठ महीने में खत्म कर पाना नामुमकिन लग रहा है।
काम में लग रहा है ज्यादा समय
सर्वे का पहला चरण १८ मार्च को माटुंगा के पूर्व कमलारमन नगर से शुरू हुआ।  इसके मुताबिक, झोपड़ियों को यूनिक आईडी नंबर देने के बाद उनके घरों से सारी जानकारी और जरूरी दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं, वहीं धारावी में सर्वे का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो चुका है, लेकिन डोर-टू-डोर सर्वे चार दिन से शुरू किया गया है, जिसमें प्रति घर एक घंटा से ज्यादा समय लग रहा है। अभी तक मात्र २०१ घरों से जानकारी जुटाई गई।
ऑनलाइन काम बनी परेशानी  
निवासियों की जानकारी प्राप्त करने के बाद उसकी पुष्टि के लिए मोबाइल फोन पर प्राप्त ओटीपी आवश्यक है।  इसके बाद ही सर्वे प्रक्रिया पूरी होती है, लेकिन कभी रेंज की कमी तो कभी ओटीपी समय पर नहीं मिलने के कारण सर्वे करने वाले कर्मचारी परेशान नजर आए। डीआरपीपीएल के एक अधिकारी ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए ऑफलाइन जानकारी को टैब में इकट्ठा किया जाएगा और फिर जहां रेंज की दिक्कत नहीं होगी, वहां की जानकारी भर दी जाएगी।

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