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सड़कों को गड्ढामुक्त कब करोगे… क्या सरकार का काम भी कोर्ट ही करे? उच्च न्यायालय का तीखा सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के महाराष्ट्र की ‘घाती’ सरकार और उसके मातहत मनपा का कार्य संभाल रहे प्रशासक के तमाम दावे खोखले साबित हुए हैं। मुंबई जैसे वैश्विक शहर की सड़कें कई जगहों पर गड्ढों में सड़क जैसी ही प्रतीत होती हैं। गड्ढों के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई-ठाणे समेत महानगर के सभी छह मनपा आयुक्तों को आड़े हाथों लिया। साथ ही सड़क के रख-रखाव के लिए एक साल पहले दिए गए आदेश की अनदेखी करनेवाली उदासीन सरकार की कान खिंचाई भी की। गड्ढे, मैनहोल मानव निर्मित हैं, इन मुद्दों को हल करना तुम्हारा काम है। संवैधानिक कर्तव्य की गरिमा को बरकरार रखें, सभी कुछ कोर्ट के जिम्मे न सौंपे, ऐसी फटकार लगाते हुए सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए २०१८ के शासनादेश के तहत अब तक क्या कदम उठाए गए हैं? ऐसा सवाल पूछा। कोर्ट ने छह महानगरपालिकाओं समेत राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया।
मुंबई शहर और पूरे महानगर की सड़कों पर मैनहोल और गड्ढों की समस्या का समाधान करने में मनपा विफल रही हैं। अदालत का कड़ा आदेश होने के बाद भी सड़कें गड्ढामुक्त नहीं की गर्इं, ऐसा संज्ञान में लाते हुए एड. ऋजु ठक्कर ने मनपा और सरकार के खिलाफ अवमानना ​​की कार्रवाई की मांग की है। उनकी याचिका पर मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ के समक्ष शुक्रवार को करीब दो घंटे तक सुनवाई हुई। दो दिन पहले पीठ द्वारा जारी समन के चलते मुंबई मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल, ठाणे मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर समेत नई मुंबई, वसई-विरार, मीरा-भायंदर, कल्याण-डोंबिवली मनपा आयुक्त अदालत में पेश हुए। पीठ ने प्रत्येक आयुक्त पर सवालों की बौछार कर दी और कई बार दिए गए आदेशों के बावजूद सड़कों को गड्ढामुक्त नहीं करने के लिए उन्हें आड़े हाथ लिया। साथ ही राज्य सरकार भी फंस गई। पिछले साल हमने मुंबई मनपा के अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी सड़कों को रख-रखाव और मरम्मत के लिए मनपाओं को सौंपने का आदेश दिया था। पीठ ने पिछले एक साल में इस पर कोई निर्णय नहीं लेने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई। इसके बाद सभी छह महानगरपालिकाओं और शासन को शपथ पत्र के माध्यम से यह बताने का आदेश दिया कि उन्होंने सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए पिछले आदेशों के अनुरूप क्या कदम उठाए हैं? इस मामले में अगली सुनवाई २९ सितंबर को होगी।
कोर्ट का आदेश और फटकार
-मैनहोल और सड़कों पर पड़े गढ्ढों की वजह से होनेवाली दुर्घटना यह मानवनिर्मित है। बाइक सवारों की मौत का कारण ‘मानव निर्मित’ है न कि प्राकृतिक। इस जनहानि को रोकने के

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