सामना संवाददाता / मुंबई
बदलापुर में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष ने घाती और भाजपा को फटकारा है। शिवसेना ने कहा है कि जो लोग न्याय और बच्चों की सुरक्षा के लिए आगे आए, उन्हें अपराधी बनाया जा रहा है। क्या घाती और भाजपा का दिमाग ठिकाने पर है? इस तरह का गुस्से भरा सवाल भी उन्होंने पूछा है।
बदलापुर के आदर्श विद्यालय में दो चार साल की मासूम बच्चियों के यौन उत्पीड़न की घटना के खिलाफ बदलापुर के लोगों ने मंगलवार को आठ घंटे तक रेल रोको प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक से खदेड़ दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लाठीचार्ज करनेवाली पुलिस पर पथराव भी किया। पुलिस ने इस मामले में ३२ से ४० प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। इन प्रदर्शनकारियों को बुधवार को कल्याण कोर्ट में पेश किया गया।
इस तरह हुई वारदात
बदलापुर में आदर्श विद्यालय भाजपा और आरएसएस समर्थित है। स्कूल के नराधम सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे ने प्री प्राइमरी कक्षा में पढ़ने वाली साढ़े तीन और चार साल की दो छोटी बच्चियों का उस समय यौन उत्पीड़न किया, जब वे शौचालय जा रही थीं। यह घटना १२ से १३ अगस्त के बीच की है। पेट दर्द की शिकायत करते हुए बच्चियों ने अपने परिवार के सदस्यों को भयावह घटना बताई। अभिभावक स्कूल पहुंचे, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उनकी एक न सुनी और मामले को दबाने की कोशिश की। इसके बाद माता-पिता बदलापुर थाने पहुंचे, लेकिन वहां भी पुलिस ने राजनीतिक दबाव में उन्हें कई घंटों तक इंतजार कराया। पुलिस अभिभावकों के साथ सख्ती से पेश आई और कहा की पहले बच्चियों कि मेडिकल जांच कराकर लाएं, उसके बाद ही हम केस दर्ज करेंगे।
अभिभावकों ने शिवसेना से मांगी मदद
माता-पिता ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के उपभोक्ता संरक्षण सेल के शहर संगठन दक्षता तांबे से मदद मांगी। तांबे ने तुरंत बाल अधिकार संरक्षण सेल को फोन किया और घटना की सूचना दी। बाल अधिकार संरक्षण सेल के अधीक्षक ने पुलिस व अस्पताल को मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया। इसके बाद सरकारी अस्पताल में बच्चियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया। मेडिकल जांच में यह स्पष्ट हो गया कि उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था। ग्यारह घंटे तक भागदौड़ के बाद आखिरकार १६ अगस्त की रात १० बजे बदलापुर पूर्व पुलिस स्टेशन में सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बदलापुर पुलिस स्टेशन की वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शुभदा शितोले ने खुद एक महिला होने के बावजूद मामले को दबाने की कोशिश की।