सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के दिए गए पैâसले पर सुप्रीम कोर्ट ने उंगली उठाई है। शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में कल हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने असली पार्टी कौन सी है, ये विधानसभा में बहुमत पर तय करते हो, यह कोर्ट के पैâसले के खिलाफ नहीं है क्या? इस तरह का सवाल पूछते हुए नार्वेकर को दिए गए पैâसले के मूल दस्तावेज कोर्ट के समक्ष जमा करने का आदेश दिया।
शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा दिए गए पैâसले के खिलाफ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। इस मौके पर शिवसेना की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, देवदत्त कामत और शिंदे गुट की तरफ से मुकुल रोहतगी, हरीश सालवे, महेश जेठमलानी ने पक्ष रखा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने आदेश दिया कि नार्वेकर के पैâसले से जुड़े मूल दस्तावेज एक अप्रैल तक सुप्रीम कोर्ट में जमा किए जाएं और अगली सुनवाई आठ अप्रैल को रखी गई। नार्वेकर के पैâसले के खिलाफ दायर याचिका पर बहस करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य विधानसभा का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो जाएगा। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द इसकी सुनवाई होनी चाहिए। सिब्बल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उद्धव ठाकरे के पास शिवसेना पार्टी थी। विपक्षी गुट के वकील हरीश सालवे ने विधायक अयोग्यता मामले में नार्वेकर द्वारा दिए गए पैâसले को मुंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी है। दावा किया गया कि कितने विधायक शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के साथ हैं, इसके बारे में सौंपे गए दस्तावेज विश्वसनीय नहीं हैं।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि हमारे पैâसले में जो निर्देश दिए गए थे, उसके खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष ने निर्णय दिया है क्या, ऐसा सवाल सालवे से करते हुए नार्वेकर के पैâसले पर ही सवाल खड़ा कर दिया।