सामना संवाददाता / मुंबई
पेण में १२ वर्षीया सारा ठाकुर नामक लड़की की सर्पदंश के कारण हुई दुर्भाग्यपूर्ण मौत को लेकर कल विधान सभा में विपक्ष आक्रामक रहा। यह मौत सरकार की लापरवाही के कारण हुई है। उपजिला अस्पताल में सर्पदंश की दवा उपलब्ध न होने के कारण लड़की की मौत हुई है। इसके लिए दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग विपक्ष ने की। राज्य भर में दवाओं की कालाबाजारी किसके आशीर्वाद से शुरू है? ऐसा सवाल कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने सदन में उपस्थित किया।
थोरात ने कहा कि पेण में जो घटना हुई वह बेहद गंभीर है। इस घटना का सीधा संबंध सरकार और सरकारी तंत्र से है। सरकार प्रगतिशील राज्य होने का विज्ञापन करती है, लेकिन सर्पदंश के लिए साधारण इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करा पाती है। यह इंजेक्शन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य है। परंतु सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है। अस्पतालों के कोटा की दवाइयों को ब्लैक में बेचा जा रहा है और सामान्य जनता के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है, ऐसा थोरात ने कहा।