मुख्यपृष्ठसंपादकीयरोखठोकइंदिरा गांधी कौन हैं?

इंदिरा गांधी कौन हैं?

संजय राऊत

इंदिरा गांधी एक असामान्य व्यक्तित्व थीं। पंडित नेहरू के बाद, वह इंदिरा गांधी ही थीं जिन्होंने आज के भारत की नींव रखी। अभिनेत्री कंगना रनौत ने इंदिरा जी को खलनायिका साबित करने के लिए फिल्म ‘इमरजेंसी’ बनाई। यह बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर पड़ी। ये है इंदिरा गांधी की ताकत!

ये अच्छी बात हुई कि कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ आते ही बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई। कुछ लोगों ने सच्चे इतिहास को खत्म करने का बीड़ा उठा लिया है। सच्चाई पर पर्दा डाला जा रहा है। कुछ महान विद्वान सिनेमा के माध्यम से अपनी रुचि के अनुसार इतिहास का पुनर्लेखन कर रहे हैं। कंगना रनौत भाजपा की सदस्य हैं और मोदी के अंधभक्त महामेले में बैं्रड एंबेसडर होने के नाते उन्होंने फिल्म ‘इमरजेंसी’ में इंदिरा गांधी को खलनायिका बनाया है और उस काल के पूरे इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। इंदिरा गांधी को खलनायिका ठहराना भारतीय इतिहास का क्रूर उपहास है। यह सब आज के हुक्मरान और उनके अंधभक्त कर रहे हैं, जिनका देश के निर्माण में कोई योगदान नहीं है। जो लोग कंगना रनौत और उनकी फिल्म ‘इमरजेंसी’ से अभिभूत थे, वे भारत को समझ ही नहीं पाए। इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर देश में आपातकाल लगाया था। आपातकाल लागू करने में कुछ ज्यादतियां हुर्इं होंगी। ऐसी ज्यादतियां अब हर दिन हो रही हैं और भविष्य में इतिहास इसका भी मूल्यांकन करेगा ही। भारत का हिस्सा मुंबई (जो महाराष्ट्र की राजधानी और देश की वित्तीय राजधानी भी है) को मिनी पाकिस्तान कहने वाली कंगना रनौत जैसे लोगों को उनकी जगह दिखाने के लिए ही, यह सच है कि इंदिरा गांधी ने उस वक्त आपातकाल लगाया था। राष्ट्रीय सुरक्षा की जरूरत के चलते लगाए गए आपातकाल को ५० साल हो गए हैं। फिर भी कुछ लोग उस राख से अपने शरीर को पोतकर घूम रहे हैं। जयप्रकाश नारायण, चरण सिंह जैसे नेता सार्वजनिक सभाओं में उकसा रहे थे कि पुलिस और सेना को सरकार के आदेशों का पालन नहीं करना चाहिए। जॉर्ज फर्नांडिस ने तो ‘बम’ बनाने की फैक्ट्री ही खोल दी थी। आज प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कार्टून बनाने पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाता है। राजनीतिक विरोधियों को झूठे आरोपों के तहत जेल में डाल दिया जाता है। यह आपातकाल का नया रूप है। जॉर्ज इंदिरा गांधी को बम से उड़ा देना चाहते थे और उसका डेमोस्ट्रेशन चल रहा था। आज अगर प्रधानमंत्री या किसी मुख्यमंत्री को कोई गुमनाम धमकी भरा फोन या पत्र आता है तो भी लोगों को संदेह के आधार पर जेल में सड़ा दिया जाता है। कंगना रनौत ने फिल्म में यह नहीं दिखाया कि आपातकाल के दौरान तस्करों, कालाबाजारी करने वालों, गैंगस्टरों को जेल में डाल दिया गया था। देश को अनुशासित करने और अराजकतावादियों को काबू में लाने के लिए इमरजेंसी थी। शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने इंदिरा गांधी और आपातकाल का समर्थन किया था। फिर भी भाजपा और शिवसेना २५ साल तक साथ रहे, सत्ता का उपभोग किया उसका क्या?
फौलादी महिला!
सभी दल के नेताओं को इंदिरा गांधी की छवि को मलिन करनेवाली इस तरह की फिल्म और निर्माताओं से सवाल करना चाहिए। इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थीं। अपने प्रधानमंत्रित्व काल में उन्होंने देश के विकास में बहुत योगदान दिया। नेहरू के बाद इंदिरा गांधी ही सच्ची वैश्विक नेता थीं।
– १९६७ में इंदिरा गांधी ने चीन के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने की नीति अपनाई। यह भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण कदम था।
– इंदिरा गांधी ने १९७१ में बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी। पाकिस्तान के साथ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी छुटपुट लड़ाई न लड़ते हुए उन्होंने पाकिस्तान के साथ युद्ध किया, उसे पराजित किया। १९४७ में भारत के विभाजन का बदला लेते हुए पाकिस्तान का विभाजन किया।
-इंदिरा गांधी ने बाघों की सुरक्षा के लिए १९७२ में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम लागू किया। इस अधिनियम ने भारत के अद्वितीय वन्य जीवन की सुरक्षा को मजबूत किया।
-इंदिरा गांधी ने १९७४ में पहला पोखरण परमाणु परीक्षण किया और दुनिया में भारत को परमाणु हथियार संपन्न देश के रूप में मशहूर किया। यह भारत के ‘न्युक्लियर पॉवर’ बनने की शुरुआत थी।
-इंदिरा गांधी के नेतृत्व में ही सिक्किम का भारत में विलय हुआ और यह भारतीय संघ का २२वां राज्य बना।
– इंदिरा गांधी ने १४ बड़े बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों का जाल गांव-गांव तक फैल गया और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई।
-वर्ष १९८२ में इंदिरा गांधी ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया। राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना की जिसकी वजह से कृषि एवं ग्रामीण विकास योजनाओं को आर्थिक सहायता मिलने लगी।
-इंदिरा गांधी के कार्यकाल में ही भारत में हरित क्रांति की घोषणा हुई और देश का कृषि उत्पादन बढ़ा। यह एक ऐसी क्रांति थी, जिससे कृषि में नई तकनीक आई, नए बीजों का इस्तेमाल किया गया। इसी की वजह से भारत के अन्न भंडार लगातार भरते रहे। श्वेत क्रांति, इंदिरा गांधी ने दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए कई उत्साहवर्धक योजनाएं शुरू कीं। जिससे भारत दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बन गया। इंदिराजी का नेतृत्व सख्त और फौलादी था वे देश में आमूल-चूल परिवर्तन की नायिका थीं। आज का विकास इंदिरा जी द्वारा रखी गई नींव का परिणाम है। इंदिरा गांधी ने एक झटके में रियासतों का वेतन बंद कर दिया। आज नए-नए रियासत बने हैं और उन पर सरकारी कृपा बरस रही है। गौतम अडानी को ‘महाराजा’ का दर्जा मिला हुआ है। ऐसे कई महाराज आपातकाल में जेल गए थे और उससे जनता खुश थी।
शहादत!
इंदिरा गांधी के कार्यों का मूल्यांकन एक ‘आपातकाल’ के आधार पर नहीं किया जा सकता। उनकी महानता उनकी निडरता में निहित थी। यह महसूस करते हुए कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा हो गया है, उन्होंने टैंकों और सेना को स्वर्ण मंदिर में घुसाकर एवं भिंडरावाला तथा उनकी आतंकवादी फौज को खत्म कर दिया। उन्होंने परिणामों की परवाह नहीं की और अंतत: इसी कार्रवाई की कीमत चुकाते हुए प्रधानमंत्री के तौर पर देश के लिए शहीद हो गर्इं। यह जानते हुए कि सिख समुदाय उनके खिलाफ हो गया है उन्होंने अपने सिख अंगरक्षक नहीं बदले।
क्या साहस है! मणिपुर की हिंसा और नरसंहार से नजर चुराने वाले प्रधानमंत्री के अनुयायी आज इंदिरा गांधी पर कीचड़ उछाल रहे हैं।
आपातकाल एक अध्याय था। इसके दो पहलू हैं। लेकिन इसके लिए इंदिरा गांधी को खलनायिका ठहरानेवाली फिल्में प्रदर्शित करना राष्ट्रीय अपराध है।
कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ साफ तौर पर औंधे मुंह गिर पड़ी गिर पड़ी, क्योंकि देश की आत्मा जीवित है!

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