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मौत का जिम्मेदार कौन? … `भाजपा’ सरकार की अनदेखी ने निगली ११ जिंदगी!

 २०१५ में एमपी के झाबुआ में हुआ था हरदा जैसा हादसा
फिर भी नहीं सुधरा प्रशासन

सामना संवाददाता / भोपाल
सड़क पर भगदड़, चारों ओर रोते-बिलखते और मरते लोग… ये मंजर था मध्य प्रदेश के हरदा का, जहां एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण धमाका हो गया। ब्लास्ट के बाद आस-पास की सड़कों पर भगदड़ की स्थिति हो गई थी। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। सभी अपनी-अपनी जान बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। लेकिन इस धमाके ने ११ लोगों की जीवनलीला समाप्त कर दी। हादसे में २०४ लोग घायल हुए, जिनमें से ५१ गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस धमाके ने अपने पीछे कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पहला तो यह कि एक आवासीय बस्ती में संचालित अवैध पटाखा फैक्ट्री पर आखिर राज्य की भाजपा सरकार की नजर कैसे नहीं पड़ी? जबकि ऐसा ही हादसा साल २०१५ में भी मध्य प्रदेश के झाबुआ में हुआ था, तब करीब ८० लोगों की जान गई थी और १०० से ज्यादा लोग घायल हुए थे। ऐसे जानलेवा हादसे के बाद एमपी की भाजपा सरकार की लापरवाही एक बार फिर सामने आ गई है। ऐसे में यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर इन ११ लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है?

२ साल पहले ३ की मौत, ५ बार डीएम से शिकायत
हरदा की इस पटाखा फैक्ट्री में दो साल पहले भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था, जिसमें ३ बेकसूर मासूमों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद लोगों ने ४-५ बार जिला कलेक्टर से यहां की पटाखा फैक्ट्री के बारे में शिकायत भी की, लेकिन जिला कलेक्टर ऋषि गर्ग ने कोई सुनवाई नहीं की और इस पूरे मामले को नजरअंदाज कर दिया। अब यहां पर फिर से हादसा हुआ है, जिसमें एक बार फिर मासूमों की जान चली गई है।

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