लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में जारी सियासी उठापटक के बीच सीएम मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते ही उनके साथ पूरी कैबिनेट ने रिजाइन कर दिया। मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। दरअसल, सैनी की गिनती मनोहर लाल खट्टर के करीबियों में होती है, साथ ही उन्हें राजनीति का लंबा अनुभव भी है। मनोहर लाल खट्टर ने ही उनका नाम सीएम पद के लिए आगे बढ़ाया था।
बता दें कि नायब सिंह सैनी का जन्म अंबाला के मीजापुर माजरा गांव में २५ जनवरी, १९७० में हुआ था। नायब सिंह ने मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से कानून यानी एलएलबी की पढ़ाई की। उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर के बी.आर. आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की है। ओबीसी में सैनी समाज से ताल्लुक रखनेवाले नायब सिंह सैनी वर्तमान में हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वे कुरुक्षेत्र से बीजेपी के सांसद भी हैं। सैनी हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं और वो साल २०१४ से २०१९ तक विधायक रहे।
हरियाणा में मुख्यमंत्री की रेस में नायब सिंह सैनी के साथ संजय भाटिया के नाम की चर्चा चल रही थी। हालांकि, सीएम की रेस में नायब सिंह सैनी का नाम आगे रहा और अब वे हरियाणा के नए सीएम हैं। बता दें कि हरियाणा में भाजपा-जेजेपी के बीच गठबंधन भी टूट गया है। इससे पहले सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच मुलाकात हुई थी।
गौरतलब है कि हरियाणा में भाजपा के साथ गठबंधन के तहत अब जो नई वैâबिनेट का गठन होगा, उसमें जेजेपी के शामिल होने की संभावना नहीं है। ऐसे में भाजपा निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाने की कोशिश में है। हरियाणा विधानसभा की ९० में से ४१ सीटें बीजेपी के पास हैं। इसके साथ ही सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने सभी निर्दलीय विधायकों के समर्थन पत्र भी ले लिए हैं। वहीं हरियाणा में कांग्रेस के ३०, जेजेपी के १०, हरियाणा लोकहित पार्टी का एक और छह निर्दलीय विधायक हैं। यहां सरकार गठन के लिए ४६ विधायकों की जरूरत है।