सामना संवाददाता / मुंबई
मन की बात नहीं है, यह दिल की बात है। महाविकास आघाड़ी की यह वङ्कामूठ है, उसे कोई नहीं तोड़ सकता है। इसमें जो बचे हैं वे एक दिल से एक साथ हैं। हमारी सरकार नहीं जानी चाहिए थी। उद्धव जी ने क्या कमी की थी? हम सभी ने एक साथ मिलकर काम किया है। हमारे मन में किंतु, परंतु नहीं था। लेकिन ढाई साल के कार्यकाल में नाखून नोंचने का काम किया। उद्धवजी की पीठ में खंजर घोंपा और सरकार गिर गई। ऐसे शब्दों में हुंकार भरते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने छत्रपति संभाजीनगर में कल महाविकास आघाड़ी के माध्यम से आयोजित वङ्कामूठ सभा में उमड़े जलसैलाब को संबोधित किया।
अशोक चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा को यदि रोकना है तो तीनों दलों के पास अब एक साथ आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। वर्तमान सरकार दल-बदल कानून को रौंदकर बनाई गई है। ऐसा जो पहले कभी नहीं हुआ, वो पिछले छह महीनों में हुआ है। उन्होंने कहा कि राहुल ने लोकसभा में अडानी के बारे में सवाल पूछा था। लेकिन राहुल को बोलने नहीं दिया गया। यहां तक कि राज्यसभा में भी मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने नहीं दिया जाता है। लेकिन उनकी आवाज को दबाने के लिए राहुल की सांसदी रद्द कर दी गई। देश में आवाज को दबाने का काम चल रहा है। यह मुद्दा अकेले राहुल गांधी तक ही सीमित नहीं है। ऐसा ही राकांपा के एक सदस्य के साथ हुआ। लेकिन कोर्ट में जाने के बाद उन्हें उनकी सांसदी वापस मिल गई। क्या यह चलनेवाला है? जनता की क्या राय है, यह अब पता चल रहा है।