अब ठाणे में जप्त हुए १७ पिस्टल और तमंचे
पंकज तिवारी / ठाणे
महाराष्ट्र में `ईडी’ सरकार के आने के बाद राज्य की स्थिति बदतर होती जा रही है। अन्य शहरों की बात कौन करे, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृहनगर ठाणे में यूपी-एमपी के कट्टे ठाणे में इकट्ठे हो रहे हैं। इस पर लोगों के मन में आशंका घर कर रही है कि ठाणे और मुंबई में `गेम फॉर गैंगस्टर’ की तैयारी तो नहीं है। ठाणे पुलिस आयुक्तालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, १ जनवरी से ३१ मई तक १२ विदेशी पिस्टल और ७ देशी कट्टा जप्त किया गया। अब फिर ठाणे में १७ पिस्टल और तमंचा जप्त किया गया है।
बता दें कि प्रसिद्ध पंजाबी संगीतकार सिद्धू मूसेवाला की हत्या की घटना ताजा ही थी कि उत्तर प्रदेश में ३ युवाओं ने पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी। इन दोनों घटनाओं के बाद अब युवाओं में गैंगस्टर बनने और फेमस होने का क्रेज नजर आ रहा है। अब मुंबई ठाणे और नई मुंबई में भी `गेम फॉर गैंगस्टर’ का खेल देखने को मिल रहा है। गैंगस्टर बनने के लिए जरूरी हथियार की डिमांड तेज हो चुकी है। उक्त सप्लाई उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य से की जाने की जानकारी ठाणे पुलिस ने दी है।
युवाओं में क्रेज बढ़ा
गौरतलब है कि मूसेवाला और उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता अतीक अहमद हत्या युवा शूटरों ने कर दी थी। इन दोनों घटनाओं का सीधा असर अब युवाओं के दिमाग पर पड़ रहा है। युवाओं पर गैंगस्टर बनने का भूत सवार हो गया है। मुंबई, ठाणे और नई मुंबई के युवा भी गैंगस्टर बनने की कतार में लग चुके हैं। गैंगस्टर बनने के लिए जरूरी हथियार की डिमांड तेज हो गई है। ठाणे पुलिस उपायुक्त शिवराज पाटील ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य और मध्य प्रदेश राज्य के बॉर्डर स्थित पाचोरी से कुल १७ पिस्टल, ३१ मैगजीन और १२ कारतूस जप्त किया गया है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों से पिस्टल की सप्लाई के कई प्रमाण सामने आ चुके हैं।
किसे बेची जानी थी पिस्टल?
वर्तमान में ठाणे, मुंबई और नई मुंबई जिलों में फायरिंग की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। ठाणे पुलिस उपायुक्त शिवराज पाटील ने बताया कि पिस्टल की सप्लाई किसे करनी थी, इसकी जांच पुलिस कर रही है।
फिल्मों का पड़ रहा बुरा असर
मनोचिकित्सक सुवर्णा माने ने बताया कि गैंगस्टरों पर बनी फिल्मों का बुरा असर युवाओं पर पड़ रहा है। फिल्मों में जिस प्रकार गैंगस्टर के रोब और रुतबे को दर्शाया जाता है वह बेहद गलत है। युवा इन फिल्मों को देखकर उस गैंगस्टर जैसा बनने का प्रयास करते हैं। उन्हें यह नहीं पता होता है कि इसका अंजाम बहुत बुरा होता है। फिल्म निर्माताओं को ऐसी फिल्में बनाते समय विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।