मुख्यपृष्ठस्तंभआखिर क्यों गायब होती हैं लाखों महिलाएं?

आखिर क्यों गायब होती हैं लाखों महिलाएं?

योगेश कुमार सोनी
संसद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह एक आंकड़ा पेश किया, जिसमें देशभर में वर्ष २०१९ से २०२१ के बीच १८ वर्ष और उससे अधिक उम्र की १०,६१,६४८ महिलाएं और उससे कम उम्र की २,५१,४३० लड़कियां लापता हुई हैं। सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में २०१९ और २०२१ के बीच १,६०,१८० महिलाएं और ३८,२३४ लड़कियां लापता हुई हैं। २०१९ और २०२१ के बीच तीन वर्षों में देश में १३.१३ लाख से अधिक लड़कियां और महिलाएं लापता हुर्इं। इनमें से ज्यादातर मध्य प्रदेश से हैं। इस मामले में पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है, जहां इन दो वर्षों में सबसे ज्यादा लड़कियां और महिलाएं लापता हुई हैं। हालांकि, यह बात सबको भली-भांति पता है कि यहां से जो लड़कियां गायब होती हैं, उन्हें राजी-राजी वरना गैर-राजी बेच दिया जाता है। देशभर में वेश्यावृत्ति में जितनी भी लड़कियां पकड़ी जाती हैं, उसमें सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल से होती हैं। इसके अलावा हाल ही में पूरे देश में लव-जिहाद की जड़ें बड़े स्तर पर पैâली हुई हैं, जिसमें लड़कियां अपने घरवालों को बिना बताए गायब हो जाती हैं। साथ ही बेहद गरीब परिवार को लालच देकर कम उम्र की बच्चियों को घर के काम के लिए दूसरे शहर लाया जाता है और उनको कभी घर वापस नहीं भेजा जाता। यदि आंक़ड़ों की हकीकत में जाएं तो मात्र पांच से दस प्रतिशत केस ही ऐसे हैं, जिसमें सच्चाई होती है। लेकिन मामला चाहे कुछ भी हो हमारे देश में महिलाओं की स्थिति आज भी ज्यादा बेहतर नहीं है। हम कितना भी कहते रहें कि महिलाओं के लिए समान अधिकार हैं और बराबरी पर खड़ी हैं लेकिन सब कुछ हकीकत से बहुत दूर है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ओडिशा में तीन वर्षों में ७०,२२२ महिलाएं और १६,६४९ लड़कियां लापता हो गर्इं और छत्तीसगढ़ से ४९११६ महिलाएं और १०८१७ लड़कियां गायब हो गर्इं। दिल्ली में लड़कियों और महिलाओं के लापता होने के मामले सबसे ज्यादा पाए गए हैं। दिल्ली में २०१९ और २०२१ के बीच ६१,०५४ महिलाएं और २२,९१९ लड़कियां लापता हुई हैं। एशिया का सबसे ज्यादा सुरक्षित शहर दिल्ली माना जाता है, लेकिन यहां क्राइम चरम पर है। आज भी आपसी लेन-देन के चक्कर में बाहुबली कमजोर वर्ग की बहन-बेटियों को उठाकर ले जाते हैं और कानून बौना नजर आता है। बीते दिनों मणिपुर में हुई घटना से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि देश में कानून व्यवस्था कितनी मजबूत है। मौजूदा स्थिति से गृह युद्ध की स्थिति बनी हुई है लेकिन सरकार न जाने कितनी गहरी नींद में सोई हुई है। चूंकि मणिपुर की घटना को तीन महीने से भी अधिक समय हो चुका लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। वहां महिलाओं को नंगा करके घुमाया जा रहा है। बहरहाल, महिलाओं के गायब होने के ये वो आंकड़े हैं, जिनकी एफआईआर दर्ज हुई हैं लेकिन सच्चाई बता दी जाए तो हकीकत में इसके चार गुणा घटनाएं होती हैं। चूंकि अधिकतर लोग गरीबी व इज्जत के चलते मामला दर्ज नहीं करवाते हैं। हमारे देश में इंसाफ बिना पैसों के नहीं मिलता और यदि कोई हिम्मत करके आगे भी बढ़े तो पूंजीपति उसकी हिम्मत तोड़ देते हैं। केंद्र सरकार को कम से कम बहन-बेटियों की इज्जत व सम्मान की रक्षा के लिए काम करना चाहिए।

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