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क्यों चुप है मोदी सरकार? …चीन ने बदले अरुणाचल के ३० नाम!

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
देश में मजबूत सरकार का दावा करनेवाली मोदी सरकार चीन की हरकतों पर चुप्पी साध जाती है। अब खबर है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के ३० स्थानों के नाम बदल दिए हैं। मगर मोदी सरकार ने इस मामले पर कुछ भी नहीं बोला है।
मिली जानकारी के अनुसार, चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताकर वहां की ३० जगहों के नाम बदल दिए हैं। चीन की सिविल अफेयर मिनिस्ट्री ने इसकी जानकारी दी। हांगकांग मीडिया हाउस ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ के मुताबिक, इनमें से ११ रिहायशी इलाके, १२ पर्वत, ४ नदियां, एक तालाब और एक पहाड़ों से निकलने वाला रास्ता है। हालांकि, इन जगहों के नाम क्या रखे गए हैं, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई। इन नामों को चीनी, तिब्बती और रोमन में जारी किया गया है। पिछले ७ सालों में ऐसा चौथी बार हुआ है, जब चीन ने अरुणाचल की जगहों का नाम बदला हो। चीन ने अप्रैल २०२३ में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की ११ जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले ५ साल में तीसरी बार ऐसा किया था। इसके पहले २०२१ में चीन ने १५ जगहों और २०१७ में ६ जगहों के नाम बदले थे।
अरुणाचल में बढ़ते चीनी दखल और यहां की जगहों के नाम बदले जाने पर मोदी सरकार हर बार बस इतना ही कहती रही है कि अरुणाचल हमारा हिस्सा है। दरअसल, चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को हिंदुस्थान के राज्य के तौर पर मान्यता नहीं दी। वो अरुणाचल को ‘दक्षिणी तिब्बत’ का हिस्सा बताता है। उसका आरोप है कि हिंदुस्थान ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया है। चीन अरुणाचल के इलाकों के नाम क्यों बदलता है, इसका अंदाजा वहां के एक रिसर्चर के बयान से लगाया जा सकता है। २०१५ में चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंस के रिसर्चर झांग योंगपान ने ग्लोबल टाइम्स को कहा था, ‘जिन जगहों के नाम बदले गए हैं वे कई सौ सालों से हैं। चीन का इन जगहों का नाम बदलना बिल्कुल जायज है। पुराने समय में जांगनान (चीन में अरुणाचल को दिया नाम) के इलाकों के नाम केंद्रीय या स्थानीय सरकारें ही रखती थीं। इसके अलावा इलाके के जातीय समुदाय जैसे तिब्बती, लाहोबा, मोंबा भी अपने अनुसार जगहों के नाम बदलते रहते थे। जब जैंगनेम पर हिंदुस्थान ने गैर कानूनी तरीके से कब्जा जमाया तो वहां की सरकार ने गैर कानूनी तरीकों से जगहों के नाम भी बदल दिए।’ झांग ने ये भी कहा था कि अरुणाचल के इलाकों के नाम बदलने का हक केवल चीन को होना चाहिए। बता दें कि चीन का दावा तो पूरे अरुणाचल पर है, लेकिन उसकी जान तवांग जिले पर अटकी है। तवांग अरुणाचल के नॉर्थ-वेस्ट में है, जहां पर भूटान और तिब्बत की सीमाएं हैं।

प्रधानमंत्री चीन पर एक शब्द नहीं बोलते
-चिदंबरम का मोदी पर तंज
देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने पीएम मोदी और उसके सहयोगी डीएमके के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों पर पलटवार करते हुए सवालिया लहजे में कहा कि चीन लगातार हिंदुस्थानी क्षेत्रों पर कब्जा कर रहा है, लेकिन पीएम मोदी उस विषय पर एक भी शब्द नहीं बोलते हैं। क्या उन्होंने चीन को क्लीन चिट दे दी है?

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