– प्रधानमंत्री की कार्यशैली को लेकर पहली मर्तबा जोरदार तरीके से हमलावर हुई सोनिया?
– एक इंटरव्यू के जरिए केंद्र सरकार पर साधा निशाना?
रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू के जरिए प्रधानमंत्री की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा किया है। वह पहली मर्तबा प्रधानमंत्री पर इतनी उग्र हुईं। सोनिया ने चुनाव परिणाम का जिक्र करते हुए कहा, कि 4 जून को जनता ने स्पष्ट और जोरदार ढंग से अपना फैसला सुनाकर नरेंद्र मोदी को कहीं का भी नहीं छोड़ा? जनता का निर्णय एक ऐसे प्रधानमंत्री की निजी, राजनीतिक और नैतिक हार को दर्शाता है जिन्होंने चुनाव के दौरान खुद को भगवान तक घोषित कर दिया था। जनता का जनादेश न केवल ऐसे दावों को नकारा, बल्कि विभाजन, कलह और नफरत की राजनीति को भी खारिज किया। सोनिया ने कहा जनता ने नरेंद्र मोदी के काम करने के तरीके और शैली दोनों को अस्वीकार किया। सोनिया ने कहा, मोदी सत्ता के इतने लोभी हैं कि कुर्सी छोड़ना ही नहीं चाहते, 400 सीटें जीतने का नारा था, लेकिन आईं मात्र 240 सीटें। फिर भी वह प्रधानमंत्री बनें, जबकि ऐसे में उन्हें नैतिक हार मानकर किसी अन्य नेता को प्रधानमंत्री बनने का मौका देना चाहिए था।
– नीट पेपर लीक जैसे गंभीर मुद्दों पर चुप रहने पर जताई नाराजगी?
कांग्रेस संसदीय दल अध्यक्षा व राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने कहा नीट स्कैम ने लाखों युवाओं का जीवन तबाह कर दिया। लेकिन प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि, परीक्षाओं के दौरान वह छात्रों से लंबी-लंबी हांकते हैं। उन्होंने कहा शिक्षा मंत्री की तत्काल प्रतिक्रिया भी सभी को अखरी, जब उन्होंने पेपर लीक होने की घटना को नकार दिया था। सोनिया ने कहा प्रधानमंत्री जो अपनी ’परीक्षा पे चर्चा’ करते हैं, उन लीक पर स्पष्ट रूप से चुप हैं जिन्होंने देश भर में कई परिवारों को तबाह कर दिया है। अनिवार्य ’उच्च अधिकार प्राप्त समितियों’ का गठन किया गया है लेकिन असली मुद्दा यह है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और स्वयं विश्वविद्यालयों जैसे शैक्षणिक संस्थानों की व्यावसायिकता को पिछले 10 वर्षों में इतनी गहराई से कैसे नुकसान पहुंचा है। सोनिया ने कहा देश की सभी बड़ी शैक्षणिक संस्थाओं में इस वक्त आरएसएस -भाजपाइयों का कब्जा है, इसलिए शैक्षणिक संस्थाओं का बेड़ा गर्क हुआ है। देश के अन्य मुद्दों पर भी सोनिया गांधी ने प्रकाश डालकर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया।