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मानसिक रोगों से मिलेगी मुक्ति! जसलोक अस्पताल में शुरू हुआ पुन: बहाली और पुनर्योजी औषधि विभाग

  • हिंदुस्थान में अपनी तरह का है पहला विभाग

सामना संवाददाता / मुंबई
हिंदुस्थान में अपनी तरह के पहले विभाग, पुन: बहाली और पुनर्योजी विभाग की शुरुआत मुंबई के जसलोक अस्पताल में हुई है। बताया गया है कि विभाग न्यूरोमॉड्यूलेशन तकनीक का उपयोग कर मानसिक रोग और तंत्रिका रोग के कारण पुराने दर्द का उपचार करेगा। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह के उपकरण की सहायता नहीं ली जाएगी। इतना ही नहीं विभाग हड्डी और जोड़ों के विकार के लिए विभिन्न कोशिका आधारित अस्थिजैविक उपचार और अस्थि तथा मांस से संबंधित संवहनी और अंगराग उपचार के लिए प्लेटलेट समृद्ध प्लाज्मा भी प्रदान करेगा।
पुन: बहाली और पुनर्योजी विभाग का प्राथमिक उद्देश्य आहार पूरक, जैविक रूप से एक ही तरह के विभिन्न हार्मोन, विटामिन, खनिज, जड़ी-बूटी का अर्क प्रोबायोटिक्स और सुपरफूड्स जैसे कम जटिल तरीकों का उपयोग करके शरीर के कार्यों को बहाल करने के साथ ही स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त अंगों के लिए उपचार की खोज करना है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति आमतौर पर किसी बीमारी का उपचार करने या उसकी रोकथाम करने पर ध्यान केंद्रित करती है। पुनर्योजी औषधि का उद्देश्य रोग या आघात से क्षतिग्रस्त हुए ऊतक अथवा अंगों को बदलकर मरीज के शरीर की मरम्मत करना है। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए ऊतक इंजीनियरिंग, कोशिका स्तर का उपचार या चिकित्सा उपकरणों और कृत्रिम अंगों का उपयोग करने जैसे कई तरीकों का उपयोग किया जाता है। यह औषधि विज्ञान की तेजी से विकसित होती शाखा है, जिसमें बड़े स्तर पर शोध किया जा रहा है। यह विभाग उन अंगों को ठीक करता है, जो स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इस दृष्टिकोण का लक्ष्य पूर्व में उपचार नहीं की जा सकने वाली क्षति और बीमारियों को ठीक करने का तरीका खोजना है।
रोगियों की देखभाल और सुधार की दिशा में बड़ा कदम
जसलोक अस्पताल में न्यूरोसर्जरी के निदेशक डॉ. परेश दोशी ने कहा कि अस्पताल में जरूरतमंद लोगों को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने और मरीजों की देखभाल करने में सुधार की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। अस्पताल के सीईओ जितेंद्र हरियाण ने कहा कि एक छत के नीचे पुन:बहाली और पुनर्योजी औषधि पर केंद्रित विभाग शुरू करनेवाला देश का पहला अस्पताल होना हमारे लिए गर्व की बात है। जसलोक में हम अपने मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के माध्यम से क्लिनिक के परिणाम में सुधार के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध उपचार प्रदान करने का प्रयास करते हैं।
यह है अस्पताल की योजना
सीईओ जितेंद्र हरियाण ने कहा कि निकट भविष्य में हम विशेष रूप से वाहन दुर्घटना के बाद मस्तिष्क आघात अथवा पक्षाघात के शिकार हुए मरीजों में अच्छा परिणाम देखने और तंत्रिका तंत्र के कार्य में सुधार करने के लिए न्यूरोमॉड्यूलेशन तकनीक व कोशिका आधारित उपचार करने की योजना बना रहे हैं।

 

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