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न बनाएंगे-न पीएंगे शराब  …उमरिया जिले के पठारीकलां गांव के जनजातीय ग्रामीणों ने ली शपथ

पकड़े गए तो भरेंगे 10 हजार जुर्माना

दीपक तिवारी
भोपाल। आत्मशुचिता (स्वच्छता) सबके लिए बेहद जरूरी है। मानव तन-मन के विकास में ही समाज का विकास निहित है। भारत सरकार के स्वच्छता ही सेवा अभियान की तरह नशा मुक्ति अभियान की सफलता भी प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में साफ-साफ दिखाई देने लगी है।

उमरिया जिले की करकेली जनपद पंचायत क्षेत्र के पठारीकला गांव में पूरे गांव ने नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। गांव के सभी जनजातीय ग्रामीणों ने जुलूस निकालकर शराब न बनाने और इसका सेवन भी कतई न करने की शपथ ली। अभियान की सफलता के लिए ग्रामीणों ने कंधे से कंधा मिलाकर यह सामाजिक संकल्प लिया।

सामाजिक संकल्प के साथ गांव के लोगों ने लिखित शपथ-पत्र भी दिया। शपथ-पत्र में साफ-साफ लिखा है कि ‘हम आज से न कभी शराब पिएंगे और न ही बनाएंगे और अगर ऐसा करते पाए गए, तो 10 हजार रुपए का अर्थदंड देंगे।‘ इस मौके पर गांव के सरपंच गोविंद सिंह मरावी, जनपद सदस्य संतराम सिंह परस्ते, सर्वश्री रामपाल सिंह बडकरे, रूपशाह मरकाम, बारेलाल सिंह बडकरे, लालशाह बैगा, देवीदीन बैगा, सुदामा सिंह, जगत प्रसाद बैगा, शीतल बैगा, बसंत बैगा, रामनारायण सिंह, मंगल सिंह, रघुनाथ सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, नत्थू बैगा, श्रीमती गीता बाई, श्रीमती ममता बाई, श्रीमती शकुंतला बाई, श्रीमती रामवती बाई, श्रीमती फूलबाई सहित अन्य जनजातीय ग्रामीणों ने यह शपथ ली।

गांव के प्रबुद्धजनों एवं जागरूक लोगों ने इन ग्रामीणों को बताया कि कोई भी नशा या बुरी आदत समाज एवं परिवार को पतन की ओर ले जाता है। नशा और बुरी आदतें घर की सुख-समृद्धि एवं बच्चों की शिक्षा को पूरी तरह नष्ट कर देता है। हम सभी नशामुक्त होकर स्वस्थ और स्वच्छ समाज के निर्माण में भागीदार बनें। साथ ही बच्चों की शिक्षा पर भी पूरे समर्पण से ध्यान दें, तभी हम अपने गांव, जिले, प्रदेश और देश को नशामुक्त बना पायेंगे।

उल्लेखनीय है कि समाज में शराब का सेवन और दूसरे प्रकार के नशे की बढ़ती लत बेहद चिंतनीय है। कई आपराधिक घटनाओं, दुर्घटनाओं के पीछे शराबखोरी और नशे की लत बड़ी वजह के रूप में सामने आती है। नशा मुक्ति अभियान को लेकर जब हम सभी जागरूक होंगे, तभी आपराधिक घटनाएं एवं सड़क दुर्घटनाएं रुकेंगी।

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