सामना संवाददाता / नई दिल्ली
देश में अवैध रूप से लोन देनेवाले ऐप्स के खिलाफ केंद्र सरकार शिकंजा कसने की तैयारी में है। ये ऐप्स लोगों के ब्लैकमेलिंग, धमकी, सुसाइड का कारण बन रहे हैं। नियमों के अनुसार, अब वही ऐप्स कंपनियां लोन दे पाएंगी, जो आरबीआई से स्वीकृत होंगी और यही गूगल प्ले स्टोर और ऐप्पल स्टोर पर भी संचालित होंगी। बाकी ऐप्स को हटा दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही आरबीआई के साथ बैठक कर नए मानदंड तय किए जाएंगे।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अवैध लोन ऐप्स को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है। इसके संदर्भ में जल्द ही आरबीआई के साथ बैठक करने की योजना है, ताकि इन ऐप्स के लिए जल्द ही एक व्हाइटलिस्ट बनाई जा सके। इस सूची में वो ऐप्स शामिल होंगे, जिन्हें नियामकों ने मंजूरी प्रदान दी होंगा
कंपनियों के आवेदनों पर नजर
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सभी नागरिकों के इंटरनेट को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाए रखना सरकार का उद्देश्य है। गौरतलब है कि गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर दोनों पर कई ऐसे ऐप्स हैं, जिनका इस्तेमाल भारतीय करते हैं। हम लोन ऐप्स के लिए आए आवेदनों पर नजर रख रहे हैं। इसके अलावा हमने गूगल और ऐपल दोनों को निर्देश दिए हैं कि उन्हें असुरक्षित या गैरकानूनी ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं शामिल करना चाहिए।
एक हजार से ज्यादा ऐप्स संचालित
एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में करीब १,०५० इंस्टेंट लोन ऐप्स हैं, जिनके कामों में कई अनियमितता पाई गई हैं। इनमें से करीब ७५० ऐप्स अवैध तरीके से कार्यरत हैं और गूगल प्ले स्टोर मौजूद हैं। इनमें से ३०० ऐप्स की वेबसाइट हैं, जिसमें कम जानकारी दी गई है, वहीं केवल ९० ऐप्स का ही कोई फिजिकल एड्रेस मिला है।