मुख्यपृष्ठनए समाचारशिवसेना विधायक सुनील राऊत के प्रयास से विक्रोली में महात्मा फुले की...

शिवसेना विधायक सुनील राऊत के प्रयास से विक्रोली में महात्मा फुले की जगह पर बनेगा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल… विधानसभा में सरकार का आश्वासन

सामना संवाददाता / मुंबई
विक्रोली, कांजुरमार्ग, भांडुप, मुलुंड, घाटकोपर परिसर के नागरिकों की सेवा के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की पार्टी के प्रयत्न के कारण जल्द ही विक्रोली-पूर्व कन्नमवार नगर में क्रांतिवीर महात्मा फुले अस्पताल की जगह पर आगामी ३ वर्षों में ५०० बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण किया जाएगा, ऐसा आश्वासन राज्य सरकार ने कल विधानसभा में दिया।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के विधायक सुनील राऊत ने इस संदर्भ में कल विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से मुद्दा उपस्थित किया था। क्रांतिवीर महात्मा ज्योतिबा फुले अस्पताल का पुनर्विकास करके उस जगह पर ५०० बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जाएगा, ऐसा आश्वासन १५ सितंबर २०२२ को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने दिया था। परंतु इस अस्पताल के लिए म्हाडा से एनओसी न मिलने के कारण अस्पताल का पुनर्विकास अधर में लटका हुआ है। इस तरफ सदन का ध्यान राऊत ने आकर्षित किया।
घाटकोपर से मुलुंड तक के लाखों नागरिकों के लिए महानगरपालिका का एकमात्र क्रांतिवीर महात्मा फुले अस्पताल है। पूर्व तेज गति मार्ग पर विक्रोली, कन्नमवार नगर, टैगोर नगर, घाटकोपर, कांजुरमार्ग, भांडुप, मुलुंड, सूर्या नगर, परिसर के लाखों नागरिक इलाज के लिए इस एकमात्र अस्पताल पर निर्भर हैं। पूर्व तेज गति महामार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों के उपचार के लिए असुविधा होती है, ऐसा भी विधायक राऊत ने कहा। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य कितने दिन में शुरू होगा और कितने दिन में अस्पताल बनकर तैयार होगा, ऐसा सवाल उन्होंने उपस्थित किया। विक्रोली में महानगरपालिका की जगह पर बना शुश्रुषा अस्पताल बंद पड़ा है। वहां महात्मा फुले अस्पताल को अस्थाई रूप से जगह दी जाए, ऐसा सुझाव राऊत ने दिया। इन सवालों का जवाब देते हुए उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि अब म्हाडा से एनओसी मिल गई है, वहीं उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि महाडा ने एनओसी जारी करने और अन्य प्रक्रियाएं पूरी करने में देरी क्यों हुई, म्हाडा ने पुनर्विकास के लिए आवश्यक बढ़ी हुई एफएसआई और एनओसी प्रदान करने के लिए प्रीमियम और स्वीकार्य शुल्क के रूप में १३ करोड़ २३ लाख ३४ हजार ३४३ रुपए की मांग मनपा से की थी। सामंत ने कहा कि मनपा द्वारा उस राशि का भुगतान करने के बाद म्हाडा ने अस्पताल के लिए एनओसी दी थी।

अन्य समाचार