• सुविधाओं के संदर्भ में अधिवेशन के बाद मनपा आयुक्त के साथ होगी बैठक
• सरकार द्वारा गठित समिति में शिवसेना के रवींद्र वायकर का भी समावेश
सामना संवाददाता / मुंबई
आरे के ४५ किलोमीटर के अंदर की सड़कों की जर्जर हालत से स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी हो रही है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक रवींद्र वायकर ने कल विधानसभा में स्पष्ट भूमिका रखते हुए कहा कि नागरिकों को परेशानी से मुक्त करने के लिए सड़कों के रख-रखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी मुंबई मनपा को सौंप देनी चाहिए। इस संदर्भ में अधिवेशन समाप्त होने के तत्काल बाद महापालिका आयुक्त के साथ बैठक की जाएगी, ऐसा आश्वासन राज्य सरकार ने दिया।
आरे की मुख्य सड़क दिनकर देसाई मार्ग को मुंबई मनपा को सौंप दिया गया है। इसी तरह यदि आंतरिक सड़कों को मनपा को सौंप दिया जाए तो उनका उचित रख-रखाव किया जा सकता है। विधायक वायकर ने विधानसभा में आधे घंटे की चर्चा के दौरान यह सुझाव दिया। आरे के समग्र विकास के लिए सरकार द्वारा नियुक्त समिति में विधायक वायकर भी शामिल होंगे, ऐसा सरकार ने स्पष्ट किया। आरे कॉलोनी जोगेश्वरी विधानसभा क्षेत्र में आती है। आरे कॉलोनी में २७ आदिवासी पाड़ा हैं। इन पाड़ों को जोड़ने वाली सड़कों की हालत बेहद दयनीय है।
पिछले कई सालों से इन सड़कों के रख-रखाव और मरम्मत के लिए फंड उपलब्ध कराने की मांग विधायक वायकर कर रहे हैं। चूंकि पशु एवं डेयरी विभाग के पास इसके लिए पर्याप्त फंड नहीं है, इसलिए यहां की सड़कें और भी खराब होती जा रही हैं। आरे में भारी बारिश के कारण डामर वाली सड़कें टिकाऊ नहीं हैं। आरे में सीमेंट कंक्रीट की आंतरिक सड़कों के लिए लोक निर्माण विभाग से १७३ करोड़ रुपए और डामरीकरण के लिए ४८ करोड़ रुपए की जरूरत है। इतनी ही रकम का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य सरकार को भेजा गया था। वायकर ने सदन को बताया कि पशु और डेयरी विकास विभाग के ४८ करोड़ रुपए के फंड की मांग में से पूरक मांगों में केवल ५ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस मौके पर वायकर ने यह भी कहा कि आरे में जहां स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं, वहां स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं। आरे के अस्पताल को मनपा को सौंप दिया जाए। आरे में अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जाए, क्योंकि आरे में तेंदुए के हमले की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
पशु एवं डेयरी विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने सदन को जानकारी देते हुए कहा कि मुंबई हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि आरे की आंतरिक सड़कों पर गड्ढे भरने का काम लोक निर्माण विभाग के माध्यम से किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों ने आरे की जगह का किराया नहीं चुकाया है, उन्हें जगह खाली करने का निर्देश दिया गया है।