हाथों में तेरा हाथ रहे,
जवां इश्क़ महफूज रहे,
कहानियाँ ख़त्म कर देना
अपनी शिकवे-शिकायतों
और अनकही रुसवाइयों की,
दिल के आशियाने मे अब
खुबसूरत यादों को ही
सजा कर रखा जाए,
बस…हाथों में तेरा हाथ रहे !
माना कि खामोशियां भी
गज़ब की होती हैं,
जो हसरतों को आंखों मे
बयां होने नहीं देती,
अब ख्वाहिशों को अपनी
नया सुर दिया जाये और
दिल की हर आरज़ू को
अंजाम तक लाया जाये,
बस…हाथों में तेरा हाथ रहे !
मुनीष भाटिया
मोहाली