उमेश गुप्ता / वाराणसी
मनरेगा मजदूर यूनियन व किशोरी युवा मंच द्वारा रविवार को महिला मजदूर अधिकार सम्मेलन का आयोजन शहंशापुर गांव में किया गया। सम्मेलन में संगठन से जुड़ी 25 गांव की हजारों महिलाओं ने भाग लिया। सम्मेलन में सम्मिलित संगठन की नेतृत्व कर्ता महिला साथी शकुंतला, प्रभा, सावित्री, अनिता, शांति, विनीता, अनिता, फूलबाशा, कविता, निर्मला, गीता गुड़िया आदि को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। महगांव की महिला मजदूर साथियों ने मनरेगा के ऊपर एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया।
सम्मेलन के माध्यम से महिलाओं को समाज में बराबरी का हक मिले, मनरेगा अंतर्गत साल में दो सौ दिनों का काम मिले, एक दिन की मजदूरी 800 रुपए मिले, सभी का स्वास्थ्य कार्ड बने, राशन कार्ड पर प्रतिमाह 15 किलो राशन के साथ खाद्य तेल, गैस सिलेंडर और सुखी सब्जी मिले, सभी बुजुर्ग महिला मजदूरों को पेंशन की मांग किया गया।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ. महेन्द्र सिंह पटेल ने कहा कि ये महिलाओं की श्रम का ही नतीजा है कि हम लोग यहां इतनी बड़ी संख्या में एकत्रित होकर अपनी बात कह रहे हैं। हम बिना बराबरी का हक लिए रुकने वाले नहीं हैं। महिलाएं आज पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर साथ चल रहे हैं।
सम्मेलन में मनरेगा मजदूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठौर ने कहा कि महिलाओं को कभी दुर्गा, कभी काली के नाम पर पूजा तो जाता है, पर समाज में इनके साथ शोषण भी किया जाता है, इसके लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा और अपने हक के लिए अपनी आवाज़ को बुलंद करना होगा। हमें वोट की चोट करनी पड़ेगी, तभी हमें हमारा हक अधिकार मिलेगा। सम्मेलन को रेनू ने भी संबोधित करते हुए कहा कि अब महिलाएं पीछे नहीं रह गई हैं। महिलाओं को आबादी के अनुसार बराबरी का हक देना ही होगा। अब महिलाएं चुप नहीं बैठने वाली हैं।
सम्मेलन का संचालन मनरेगा मजदूर यूनियन की पूजा ने किया, जबकी धन्यवाद ज्ञापन किशोरी युवा मंच की प्रियंका ने किया। सम्मेलन में सुरेशराठौर, पूजा, मुश्तफा, सरोज,
प्रियंका, श्यामदुलारी, अनिल पटेल, प्रतिभा, पुष्पा, प्रिया, शीला, रीता, मंगरा, आशा, सोना, खुशी, सीता, रीता, गुड्डी, साधना, सुदामा, मीरा, सपना, पूजा देवी, संगीता, नगीना, सुशीला आदि लोग शामिल हुए।