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रामभरोसे मुंबई यूनिवर्सिटी का कामकाज …निदेशक पद पर स्थाई अधिकारी विहीन है परीक्षा विभाग

• युवासेना ने कुलपति से की जल्द अधिकारी नियुक्ति करने की मांग
सामना संवाददाता / मुंबई
छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने का जिम्मा मुंबई यूनिवर्सिटी के कंधे पर है, लेकिन वह कंधा कमजोर नजर आ रहा है। मुंबई यूनिवर्सिटी में परीक्षा विभाग में निदेशक पद पर स्थाई अधिकारी न होने से यहां का कामकाज रामभरोसे ही चलता नजर आ रहा है। ऐसे में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) व युवासेना ने मुंबई यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग में निदेशक पद पर स्थाई अधिकारी की नियुक्ति किए जाने की मांग कुलपति डॉ. रवींद्र कुलकर्णी से की है।
मुंबई स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक विलास पोतनीस के नेतृत्व में युवासेना के पूर्व सीनेट सदस्यों ने हाल ही में यूनिवर्सिटी और छात्रों की विभिन्न समस्याओं के तत्काल समाधान की मांग करने के लिए कुलपति से मुलाकात की। मुंबई यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग में कोई पूर्णकालिक अधिकारी नहीं है। इसलिए विभाग में कामकाज पूरी तरह से बिगड़ गया है। परीक्षा और परिणाम में कई कठिनाइयां आ रही हैं। इतना ही नहीं परीक्षा यदि समय पर हो भी जाती है, तब भी परिणाम समय पर नहीं आता है। इससे बढ़कर यानी छात्रों को रिजल्ट में फेल किया जा रहा है। ऐसे विभिन्न मुद्दों पर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक, सीनेट सदस्य विलास पोतनीस के नेतृत्व में युवासेना के पूर्व सीनेट सदस्य प्रदीप सावंत, राजन कोलंबकर, शशिकांत झोरे, मिलिंद साटम, डॉ. धनराज कोहचाडे ने कुलपति डॉ. रवींद्र कुलकर्णी से मुलाकात की। इस दौरान मांग की गई कि छात्रों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा कर समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि राजभवन से विशेषज्ञ कमेटी नियुक्त होने के बाद परीक्षा विभाग में पूर्णकालिक पदाधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने अन्य सभी मुद्दों और मांगों पर भी सकारात्मक निर्णय लेने का वादा किया।

अन्य मांगें
• परीक्षा परिणाम समय पर घोषित करते समय विद्यार्थियों के साथ कोई अन्याय न हो, इस बात का ध्यान रखा जाए।
•अखिल भारतीय टेनिस संघ द्वारा हड़पी गई सात एकड़ जमीन यूनिवार्सिटी फिर से वापस ले।
• कालीना कैंपस में स्विमिंग पूल सुसज्जित नहीं है। इसके लिए हर माह बैठक होनी चाहिए।
• अस्थाई कर्मचारियों को समान काम, समान वेतन दिया जाए।
• प्रबंध परिषद सदस्यों को प्राप्त अवमानना नोटिसों का निस्तारण किया जाए।
• छात्रावासों में सर्व सुविधायुक्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
• नवीन पुस्तकालय भवन शीघ्र उपलब्ध कराया जाए।
• छात्रों पर लगाया गया जुर्माना तत्काल रद्द कर आरक्षित परिणाम घोषित किया जाए।

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