- कैसे खत्म होगा प्रदूषण?
सामना संवाददाता / मुंबई
वायु प्रदूषण के मामले में अन्य बड़े शहरों की तुलना में बहुत पीछे रहनेवाली मुंबई अब टॉप पर आ गई है। मुंबई में वायु प्रदूषण चरम पर है। पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ रहा है। बढ़ते वायु प्रदूषण से मुंबईकरों को तमाम बीमारियों की समस्या होने लगी है। इस मामले में जब लोगों ने शोर मचाना शुरू किया, तब मनपा की और राज्य की ‘मिंधे’ सरकार की आंख खुली है और प्रदूषण पर अब प्रपंच शुरू हो गया है। राज्य की ‘मिंधे’ सरकार मुंबई में प्रदूषण रोकने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है तो मनपा प्रदूषण नियंत्रण के लिए कमेटी गठित कर मामले की लीपापोती में जुटी है। लेकिन हकीकत यह है कि मनपा द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं को कही भी रोकने का प्रयास नहीं किया गया, जिससे वायु प्रदूषण का टेंशन बढ़ गया है। कैसे प्रदूषण को कंट्रोल में किया जा सकता है, इसे लेकर अब मनपा और राज्य सरकार मंथन करने में लगी है। मनपा के पास अब तक प्रदूषण कम करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं है तो वहीं ‘मिंधे’ सरकार ने जिस हवा शुद्ध करनेवाली मशीन को लगाने की घोषणा की है। लोगों ने उसे नकारा बताते हुए उसका विरोध किया है।
मुंबई में कैसे बढ़ा प्रदूषण?
मनपा क्षेत्र में एक साथ बड़ी संख्या में निर्माणाधीन परियोजनाओं को शुरू किया गया। लगभग १० से अधिक मेट्रो लाइन, इमारत निर्माण, सड़क कंक्रीटाइजेशन, पुल निर्माण के साथ वाहनों की संख्या आदि में वृद्धि हुई है, जिसके चलते पिछले कुछ वर्षों मे मुंबई की वायु गुणवत्ता का स्तर नीचे गिर गया है। यह वायु गुणवत्ता अब स्वास्थ्य के लिहाज से घातक साबित होने लगी है।
मनपा की प्लानिंग
मनपा मुंबई की चुनिंदा जगहों पर कुल १४ स्मॉग टॉवर (हवा शुद्ध करनेवाला यंत्र) लगाएगी। मुख्यमंत्री द्वारा मुंबई में स्मॉग टॉवर लगाने की घोषणा के बाद यह कदम उठाया गया। यह टॉवर ३० फुट लंबा होगा, प्रत्येक स्मॉग टॉवर १ किलोमीटर के दायरे को कवर करेगा और रेडियो तरंग तकनीक के माध्यम से हवा को शुद्ध करने का काम करेगा। स्मॉग टॉवरों के लिए फ्लोटिंग टेंडर पर अंतिम निर्णय लेने से पहले मनपा मौसम विज्ञान और मुंबई की वर्तमान भौगोलिक परिस्थितियों का आकलन करेगी।
६५० लोगों ने विरोध में लिखा पत्र
स्मॉग टॉवर लगाने के मनपा के फैसले का लोगों ने जमकर विरोध किया है। पर्यावरण के जानकारों के साथ-साथ वैज्ञानिक समुदाय के सदस्यों ने भी इसे नकारा बताते हुए मनपा के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ऐसे टॉवर अप्रभावी साबित हुए हैं। हालांकि, मुंबई के ६५० लोगों ने भी मनपा आयुक्त और राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक इकबाल सिंह चहल को पत्र लिखकर इन टॉवरों को स्थापित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
मनपा ने बनाई कमेटी
मनपा अधिकारी के अनुसार मुंबई में प्रदूषण की समस्या को लेकर एक सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी तमाम विषयों पर अध्ययन करेगी। एक अधिकारी ने बताया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना पर आगे बढ़ने से पहले हम शहर के वायु प्रवाह के साथ-साथ समग्र मौसम पैटर्न का अध्ययन करेंगे, क्योंकि मुंबई की वर्तमान भौगोलिक परिस्थिति को अच्छी तरह से समझने की आवश्यकता है। इस शहर में ऊंची इमारतों के साथ-साथ स्लम क्षेत्र भी हैं इसलिए हवा की दिशा को समझना महत्वपूर्ण होगा।
युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे की संकल्पना पर जोर
मुंबई में प्रदूषण को रोकने के लिए पिछली सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे आदित्य ठाकरे कई संकल्पना लेकर आए थे, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी, मियावाकी वन प्रणाली, गार्डनिंग के नए तरीके, टैरेस गार्डन आदि की संकल्पना को बढ़ावा दिया था। राज्य में नई ‘मिंधे’ सरकार आते ही इन सब पर अस्थायी रोक लगा दी गई थी, लेकिन अब जब मुंबई में प्रदूषण बढ़ा है तो मनपा को आदित्य ठाकरे की संकल्पना फिर से याद आ रही है। भीतर ही भीतर उसे लागू करने पर जोर दिया जा रहा है।