सामना संवाददाता / मणिपुर
मणिपुर में पिछले साल मई से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है, जिसे देखते हुए मणिपुर सरकार ने ५ जिलों में इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया और इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है, जबकि थौबल जिले में बीएनएसएस की धारा १६३ (२) लागू की गई है। कांग्रेस के इन्नर मणिपुर के सांसद ए. बिमोल अकॉइजाम ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मांग की है कि केंद्र सरकार तुरंत प्रभावी कदम उठाए और मणिपुर में शांति बहाल करने का प्रयास करे। उन्होंने गृह मंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस बात की जांच करें कि क्या इस हिंसा में प्रवासी, विदेशी तत्व या ड्रग माफिया भी शामिल हैं। अपने पत्र में अकॉइजाम ने मणिपुर की स्थिति की तुलना १९४७ के विभाजन से की। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर गुजरात में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती, तो क्या आप भी दुखी नहीं होते? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मणिपुर के लोगों की कोई परवाह नहीं कर रही है। उन्होंने लिखा, यह दुखद है कि वर्तमान प्रशासन की निगरानी में इतना गंभीर संकट उत्पन्न हुआ है। इस हिंसा के चलते सैकड़ों जानें चली गई हैं और लगभग ६०,००० लोग बेघर हो चुके हैं।
गृह मंत्री अमित शाह को तुरंत किया जाए बर्खास्त : कांग्रेस
कांग्रेस ने डेढ़ साल से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में ताजा हिंसक घटनाओं के लिए बुधवार को पीएम मोदी और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त किया जाना चाहिए क्योंकि `वह पूरी तरह से विफल रहे हैं।’ पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पीएम मोदी ने दुनिया के अलग-अलग देशों का दौरा किया, लेकिन उन्हें मणिपुर जाने का समय नहीं मिला।