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४, ००० यात्रियों पर बरपा `गलत कोच’ का कहर! …मुंबई लोकल में आरपीएफ की जोरदार कार्रवाई

• चार महीनों में चार हजार पर दंड
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल के तकरीबन चार हजार यात्रियों पर `गलत कोच’ का कहर बरपा है। यह बड़ी कार्रवाई आरपीएफ द्वारा की गई है। दरअसल, पिछले चार महीनों में चार हजार यात्रियों पर दंड स्वरुप कार्रवाई की गई है। मुंबई लोकल में दिव्यांग कोच में यात्रियों की भीड़ बढ़ती जा रही है जो एक समस्या का रूप ले रही है। सेंट्रल रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल ने विकलांग कोचों में घुसे लगभग ४,००० सामान्य यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई की है। दिलचस्प बात यह है कि इसमें महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों की संख्या अधिक है। दरअसल, शहर में काम के लिए यात्रा करने वाले दिव्यांग यात्रियों की तादाद अधिक है। लोकल में दिव्यांग यात्रियों के लिए दो कोच आरक्षित होते हैं। हालांकि, दिव्यांग यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्थानीय स्तर पर यात्रा करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि इस मामले में आरपीएफ को शिकायत मिली थी कि दिव्यांग कोच में सामान्य यात्री ज्यादा संख्या में सफर कर रहे हैं। इसके अनुसार, दिव्यांग कोच में यात्रियों की जांच की गई है। जनवरी से अप्रैल तक दिव्यांग कोच में सफर करने वाले ४,००० सामान्य यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दरअसल, महिला कोच के बगल में ही दिव्यांग कोच हैं। इसके कारण जिन महिला यात्रियों को महिला डिब्बे में प्रवेश नहीं मिला, वे दिव्यांग डिब्बे में चढ़ जाती हैं। मध्य रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा कि जांच के दौरान विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में दिव्यांग कोचों में यात्रा करते पाए गए हैं।
सुबह और शाम के व्यस्त समय के दौरान भीड़ के कारण दिव्यांगों को उनके कोचों में भी प्रवेश करने के लिए जगह नहीं होती है। आरपीएफ सिर्फ एक बार कार्रवाई करने से नहीं रुके। कार्रवाई की निरंतर आवश्यकता है। दिव्यांग कोचों में यात्रा करने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करना और संबंधित विभागों को इस बारे में सूचित करना आवश्यक है। अन्यथा दिव्यांग कोचों में सरकारी कर्मचारियों की भीड़ कम नहीं होगी। दिव्यांग कोच की सीटें महिलाओं और प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के कोचों की तुलना में कम हैं। निर्धारक दिव्यांग विकास सामाजिक संघ के अध्यक्ष नितिन गायकवाड़ ने कहा कि इसके चलते दिव्यांग कोचों के लिए जगह बढ़ाना जरूरी है।

व्हॉट्सऐप पर रोज आती है हजारों शिकायतें
मध्य रेलवे द्वारा दिव्यागों के लिए एक व्हॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें प्रति दिन कई शिकायतें आती हैं। इनमें से कुछ शिकायतों पर आरपीएफ या जीआरपी के कर्मचारी द्वारा कार्रवाई होती है, पर कुछ शिकायतें बिना कार्रवाई की ही रह जाती हैं।

जांच के वक्त विभिन्न विभागों के सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में दिव्यांग कोचों में यात्रा करते पाए गए हैं।
-ऋषि कुमार शुक्ला, मध्य रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त

आम लोगों के मुकाबले दिव्यांगों का जीवन मुश्किल भरा होता है, ऐसे में शारीरिक रूप से फिट और सरकारी कर्मचारियों द्वारा यह काम किया जाएगा तो यह बिल्कुल अशोभनीय है। इसके लिए सख्त सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
-समीर झावेरी, रेलवे एक्टिविस्ट

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