उमेश गुप्ता/वाराणसी। अधिकार सेना के अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहाकि यह सरकार विरोधी दलों से जुड़े या उनके सम्पर्क के फले-फूले माफियाओं के खिलाफ खुद पार्टी बन गई है। वह अपने वोट बैंक की खातिर अपनी पार्टी से जुड़े माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार की ओर से जारी माफियाओं की नई सूची में बनारस और चंदौली के चर्चित और कई संगीन वारदातों में शामिल माफियाओं के नाम नहीं हैं। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है।
अमिताभ ठाकुर सोमवार को वाराणसी के कैंटोन्मेंट क्षेत्र स्थित नेहरू पार्क में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार की माफियाओं के लिए जारी सूची से यह जाहिर होता है कि सरकार एक खास वर्ग के अपराधियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। जीरो टालरेंस की बात करनेवाली सरकार में कई माफिया खुलेआम घूम रहे हैं। जबकि इनके खिलाफ दर्जनों संगीन मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने विनीत सिंह, सुशील सिंह, सुजीत बेलवा आदि के नाम गिनाएं। कहा कि शराब माफिया, बालू माफिया मजे से धंधा कर रहे हैं। सरकार ने नई सूची सिर्फ वोट बैंक को ध्यान में रखकर जारी की है।
अधिकार सेना अध्यक्ष ने कहा कि वह माफियाओं की सूची को कोर्ट में चुनौती देंगे। वह कोर्ट से मांग करेंगे कि सभी बाहुबलियों, माफियाओं को जो सत्ता से जुड़े है उनको भी सूची में शामिल किया जाय। सभी पर गंभीर मामले चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून के राज की बात करनेवालों की सरकार में पुलिस अभिरक्षा में अतीक और अशरफ मार दिये जाते हैं। यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है लेकिन सरकार ने इस पर खेद व्यक्त नहीं किया। जबकि अतीक और अशरफ अपनी हत्या की आशंका जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगा चुके थे। इसके बावजूद उनकी हत्या हो जाती है।
हम मानते हैं कि अपराधियों का समर्थन नहीं होना चाहिए लेकिन यह घटना तो कानून-व्यवस्था से जुड़ा है। यदि प्रदेश में इस तरह किसी की हत्या हो सकती है तो कानून के राज की बात कैसे की जा रही है। मुझे शक है सरकार खुद एक गैंग का हिस्सा बन गई है। लोकतंत्र के लिए यह उचित नही है।