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महिलाओं से डरी योगी सरकार! …‘आवाज’ दबाने के लिए किया नजरबंद

साल २०२० में सीएए के खिलाफ किया था प्रदर्शन ‘आवाज’ दबाने के लिए किया नजरबंद
साल २०२० में सीएए के खिलाफ किया था प्रदर्शन
सामना संवाददाता / लखनऊ 
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हिंदुस्थान में सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून पास कर दिया है। इस कानून के पास होते ही देश के कई हिस्सों से खासकर मुस्लिम समुदाय ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इसके पहले यानी साल २०२० में इस कानून को पास कराने के लिए बिल पेश किया गया था तो देशभर में विरोध के स्वर सुनाई पड़े थे। लखनऊ में भी मुस्लिम समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिनमें कई मुस्लिम महिलाएं भी शामिल थीं, लेकिन अब उन्हीं मुस्लिम महिलाओं को यूपी पुलिस घरों में नजरबंद कर रही है, ऐसा आरोप सीएए के खिलाफ साल २०२० में विरोध प्रदर्शन करनेवाली मुस्लिम महिलाओं ने लगाया है। इन महिलाओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें १५ मार्च (शुक्रवार) को घरों में नजरबंद कर दिया था। इन महिलाओं के मुताबिक, प्रशासन द्वारा उन पर नए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आवाज न उठाने का दबाव बनाया जा रहा है। इन महिलाओं में मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राना की दोनों बेटियां भी शामिल हैं जिनका कहना है कि उन्हें शुक्रवार की सुबह से शाम तक घर में नजरबंद रखा गया था।
पुलिस कर रही परेशान
‘द वायर’ की रिपोर्ट के अनुसार, इरम फातिमा नाम की महिला साल २०२० के विरोध प्रदर्शन करनेवाली महिलाओं में से एक थीं। उन्होंने बताया कि सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद से ही पुलिस हर दिन नेपियर रोड कॉलोनी स्थित उनके फ्लैट पर आती है। वह कहती हैं कि मेरे अपार्टमेंट के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। यह मेरे लिए तो अपमानजनक है ही, मेरे पड़ोसियों के लिए भी परेशान करने वाला है।
प्रशासन की धमकी
‘लखनऊ की झांसी की रानी’ के नाम से मशहूर उज्मा परवीन के घर पर भी शुक्रवार सुबह करीब १० बजे पुलिस पहुंची थी। उज्मा का कहना है कि पुलिस ने कथित तौर पर उन्हें घर में नजरबंद कर दिया और शाम तक उनकी आवाजाही पर रोक लगा दी। उज्मा का कहना है कि इस तरह से प्रशासन उन्हें धमकी दे रहा है कि वे सीएए को लेकर अपना रवैया बदल दें, लेकिन उज्मा का कहना है कि यह बेहद शर्मनाक है कि पुलिस हमें रमजान के पवित्र महीने के दौरान अपमानित कर रही है, जब हम रोजा रख रहे हैं और अपना अधिकांश समय प्रार्थनाओं आदि में बिता रहे हैं।
पुलिस ने किया इनकार 
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस कुछ प्रदर्शनकारियों के घर गई थी, लेकिन उनमें से किसी को भी नजरबंद करने से इनकार किया। इस बारे में पुलिस उपायुक्त (मध्य) रवीना त्यागी ने कहा कि राज्य में शांति बनाए रखने के लिए कुछ प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए उनके घरों के बाहर पुलिस तैनात की गई है।

मुनव्वर राणा की बेटियों को किया गया नजरबंद   
दिवंगत उर्दू शायर मुनव्वर राणा की बेटियों ने भी दावा किया कि पुलिस ने उन्हें घर में नजरबंद कर दिया है। मुनव्वर राणा की बेटी और समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस ने उन्हें लगभग २४ घंटों के लिए शहर में कहीं भी जाने से रोक दिया था। मुनव्वर राणा की दूसरी बेटी उरूसा राणा, जो यूपी महिला कांग्रेस (मध्य क्षेत्र) की उपाध्यक्ष भी हैं ने बताया कि छह-सात गाड़ियों में पुलिस सुबह-सुबह मेरे घर आई और पूरे दिन मेरे ड्राइंग रूम में बैठी रही, मुझे बाहर नहीं जाने दिया।

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