मुख्यपृष्ठनए समाचारसोया रहा योगी सरकार का खुफिया तंत्र...देश की सुरक्षा में बड़ी सेंधमारी

सोया रहा योगी सरकार का खुफिया तंत्र…देश की सुरक्षा में बड़ी सेंधमारी

-सलोन में फर्जी प्रमाण पत्र का मामला…8 हजार गांव की आबादी और बन गए 12 हजार जन्म प्रमाण पत्र

-कई गांवों की आबादी से ज्यादा बन गए मुस्लिमों के जन्म प्रमाण पत्र

-न घर न परिवार… फिर भी हजारों मुस्लिमों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार

-जीशान खान-विजय यादव के कांड ने ATS को भी चौंकाया

योगेंद्र सिंह ठाकुर / मुंबई

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के खेल की जैसे-जैसे परतें खुल रही है। वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। कई गांवों में मुस्लिमों के जन्म प्रमाण पत्र वहां की आबादी से ज्यादा जारी कर दिए गए है।
कई ऐसे गांवों के पते पर यह फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, जहां उस धर्म, जाति के लोग रहते ही नहीं हैं। रायबरेली के सलोन में सालों से बनाए जा रहे ऐसे फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव और जन सुविधा केंद्र चलाने वाले संचालक जीशान खान, सुहैल खान, रियाज खान समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बनाए गए 19284 प्रमाण पत्रों के प्रिंट भी निकाल लिए हैं और सभी को प्रमाणित किया जा रहा है। हालांकि, यह मामला बेहद ही उलझा हुआ है और इसके लिए तकनीकि एक्सपर्ट की की मदद ली जा रही है।
बता दें कि रायबरेली के सलोन में एक जनसुविधा केंद्र से ग्राम पंचायत अधिकारी की आईडी से हजारों अन्य प्रांतों के लोगों के जन्म प्रमाण पत्र बना दिए गए हैं, जिनमें कई संदिग्ध भी हैं। इस बात की जानकारी केरल और कर्नाटक पुलिस की जांच में सामने आई, जिसके बाद इस बड़े मामले का पता चला। मामले की जांच में जो सबसे महत्वपूर्ण बात निकल कर आ रही है, जिसमें एक गांव की आबादी से ज्यादा जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं। जबकि एक गांव में मुस्लिमों के सैकड़ों प्रमाण पत्र बना दिए गए हैं, जबकि उस गांव में एक मुस्लिम परिवार निवास करता है। सलोन के नूरुद्दीन पुर गांव की आबादी करीब आठ हज़ार है, लेकिन यहां से 12000 जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए है। हालांकि, इनमें से किसी का भी परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज नहीं किया गया है।
प्रधान प्रतिनिधि भूपेंद्र सिंह का कहना था कि ग्राम पंचायत की कुल आबादी ही सात से आठ हजार है, लेकिन नूरुद्दीनपुर गांव के पते पर ही 12,200 से अधिक जन्म प्रमाण पत्र जारी होने की उनको जानकारी मिली है। इसी तरह पलाही गांव में केवल एक घर ही मुस्लिम का है, लेकिन यहां 819 मुस्लिमों के जन्म प्रमाणपत्र बना दिए गए हैं। ग्राम प्रधान दीपक के मुताबिक, इस गांव की कुल आबादी 4,500 है, लेकिन इसी गांव के पते पर 819 और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इस गांव में सिर्फ एक मुस्लिम परिवार ही रहता है, लेकिन जो 819 जन्म प्रमाण पत्र जारी हुए उनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं।यानी गांव में रहता एक मुस्लिम परिवार है, लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम परिवारों का जन्म स्थान इस गांव को बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि गोपालअनंतपुर, लहुरेपुर, सिरसरा, नूरुद्दीनपुर, जमालपुर और पलही गांव ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव के अधीन आते थे।
इस मामले को लेकर लखनऊ के आईजी रेंज प्रशांत कुमार के साथ-साथ एटीएस की टीम भी जांच में जुटी हुई है। जिले में सभी ग्राम पंचायत से जारी हुए ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र का वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है। पूरा डाटा मिलाने के बाद एटीएस इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी। आशंका जताई जा रही कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का यह मामला दूसरे राज्यों के रास्ते आए अवैध घुसपैठियों को नागरिकता दिलाने या किसी आतंकी संगठन के लोगों को यूपी में बसाने के नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं है?

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