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महाकुंभ को भव्य-दिव्य बनाने के लिए योगी ने ताकत झोकी, तो अमित शाह से डील होने वाले सहयोगी दल ने उसी दिन सम्मेलन बुला कर निषादों को महाकुंभ से दूर रखने की चाल चली!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख कर उत्तर में योगी आदित्यनाथ को घेरने के लिए सहयोगी दल बाज नहीं आ रहे हैं। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2027 की ओर बढ़ रहा है। गुजरात नेतृत्व खास कर अमितशाह की फ्रेंचाइजी से डील होने वाले कथित छोटे व जातीय दल अपनी त्योरी चढ़ाने लगे हैं। अपना दल एस के कोटे से उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बने व अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विस्वस्व अधिकारियों पर लगातार अंगुली उठा कर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। जबकि उनके ऊपर उनकी साली व अपना दल कामेरावादी की अध्यक्ष व समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर घेर रही हैं। बार-बार राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिल कर आशीष पटेल को बर्खास्त करने व उनके ऊपर लगाये आरोपों के जांच की मांग करती हैं। राजनैतिक गलियारे में यह खबर फैली है कि यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुट को विलांग करती हैं। वह गृहमंत्री अमितशाह को कभी भी वह तवज्जों नहीं देती जो अन्य राज्यपाल व भाजपा के नेता देते हैं। आनंदी बेन पटेल बिना गृहमंत्री के दबाव में रह कर स्वतंत्र निर्णय करती हैं। चूंकि आशीष पटेल बार-बार गुजरात लॉबी के नेताओं खास कर गृहमंत्री अमित शाह के नाम की दुहाई देते हैं। हाल के विवाद में तो आशीष पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके नेता हैं। अब सवाल यह उठने लगा कि नरेंद्र मोदी आपके नेता हैं तो अपना दल एस की अध्यक्ष व दल की की नेता अनुप्रिया पटेल क्या हैं? इसकी तरह निर्बल इंडियन शोषित समाज हमारा आम दल “निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद भी योगी आदित्यनाथ की सरकार व राज्य के कुछ भाजपा नेताओं को बगैर नाम लिए निशाना बना रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में संतकबीरनगर लोकसभा सीट से बेटे की हार से तिलमिलाए संजय निषाद चुनाव में गद्दारी करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग करने लगे हैं। राज्य सरकार महाकुंभ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी दिव्यता-भव्यता का प्रचार-प्रसार कर नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है तो डॉ संजय निषाद अपनी पार्टी का गोरखपुर में सम्मेलन बुला लिए हैं। बता दें कि महाकुंभ 2025 का पहला पर्व पौष पूर्णिमा के स्नान से 13 जनवरी को आरंभ हो रहा है।जिसको सफल करने के लिये राज्य सरकार पूरी ताकत झोंक दी है। हिंदू एकता व सामंजस्य के पर्व को योगी आदित्यनाथ जन-जन तक पहुंचना चाहते हैं। संयोग माना जाय या दिल्ली के डीलरों से मिल कर लौट संजय निषाद ने 13 जनवरी को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में अपने पार्टी का सम्मेलन बुला लिया है। उसके लिए संजय निषाद ने 12वां संकल्प दिवस मनाने का निर्णय लिया है। बता दें कि महाकुंभ ही नहीं सदियों से जितने हिंदुओं के पवित्र त्योहार, मेले नदियों के किनारे लगते हैं, उनमें सामाजिक व व्यवहारिक रूप में निषाद समाज की बहुत बड़ी हिस्सेदारी होती है। गोताखोर, तैराक, नाविक अधिकाधिक निषाद व मल्लाह समाज से होता है। संजय निषाद ने 13 जनवरी के आयोजन के बहाने एक तीर से दो निशाना लगाया है। पहला वह योगी आदित्यनाथ को घेर कर गुजरात खेमें को खुश कर लेंगे।दूसरा विधानसभा चुनाव 2025 में सीटों की भागीदारी को लेकर न सिर्फ भाजपा पर दबाव बनाएंगे, बल्कि अपने पुराने साथी जिन्होंने बाप-बेटे संजय निषाद व प्रवीण निषाद को सबसे पहले सदन दिखाया उन्हें भी आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। संजय निषाद ने शनिवार को निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” द्वारा अपने 12वें संकल्प दिवस को लेकर निषाद पार्टी-राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) डॉ. संजय कुमार निषाद की ओर से विज्ञप्ति जारी कर कहा कि निषाद पार्टी का गठन वर्ष 2016 में मछुआ समाज राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक आरक्षण, वर्ग 06 की जमीन एवं ताल घाट पोखरों राजस्व सहिंता के अनुसार आवंटन को लेकर हुआ था। निषाद पार्टी गठन के पश्चात मछुआ समाज को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए नित नये कार्य किए गए हैं। आज निषाद समाज प्रदेश में गर्व से अपना जीवन यापन कर रहा है, किंतु पूर्व की सरकारों के समय निषाद/मछुआ समाज को शोषित एवं अपमानित किया जाता था। उन्होंने कहा की निषाद पार्टी आगामी संकल्प दिवस को निषाद पार्टी राष्ट्रीय अधिवेशन भी करने जा रही है, जिसके राष्ट्रीय कमेटी एवं प्रदेश कमेटी को पुनः सुचारु रूप से संचालित करने के लिए नई नियुक्तियों को भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद ही निषाद पार्टी ने अपने प्रदेश कमेटी को भंग कर दिया था और कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की सलाहानुसार कमेटियों को पुनः संचालित किया जाना है। निषाद ने कहा संकल्प दिवस के अवसर पर मछुआ समाज के आरक्षण के मुद्दे पर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। प्रदेश में मछुआ समाज के विकासहित के लिए उठाये गये सभी आवश्यक कदमों से भी निषाद/मछुआ समाज को अवगत करवाया जाएगा। निषाद पार्टी में कार्यकर्ताओं की और विचार मायने रखते हैं, जिसके लिए प्रत्येक वर्ष संकल्प दिवस और स्थापना दिवस को कार्यकर्ताओं और मछुआ समाज से आने वाले दिनों में किन विषयों पर पार्टी को कार्य करना है। इसके लिए सर्वसम्मत से निषाद समाज के लोगों के प्रस्ताव लिए जाते हैं। उन्होंने मछुआ समाज से अपील किया है कि आप सभी अपना संकल्प दिवस मनाने प्रत्येक वर्ष को भांति इस वर्ष 13 जनवरी 2025 को जनपद गोरखपुर के सिकटौर मैदान में जरूर पहुंचें।

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