तू चल

हाथ मिलाकर गाता चल।
मन में खुशी मनाता चल।।
अपने छोटे से जीवन को।
चिंतनशील बनाता चल।।
अनुभव और ज्ञान के बल पर।
आगे कदम बढ़ाता चल।।
सही दिशा में राह पकड़ कर।
गाता और बजाता चल।।
जीवन के इस कठिन सफर में।
सब पर प्रेम लुटाता चल।।
मंजिल के आगे मंजिल है।
मन ही मन मुसकाता चल।।
लोगों का आभार मान कर।
सबका मान बढ़ाता चल।।
अंधेरों से लड़ने वाला।
दीपक नया जलाता चल।।
सत्य अहिंसा को जीवन का।
दर्शन यहां बनाता चल।।
प्रेम सहित जीवन की नैया।
हरदम पार लगाता चल।।

-अन्वेषी

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