इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हरलीन सेठिया का ताजा-तरीन वेब शो ‘कोहरा’ हिंदी और पंजाबी भाषा में टेलिकास्ट हो रहा है। इस शो में हरलीन ने पंजाबी युवती निम्रत का किरदार निभाया है। अभिनय की दुनिया में जाना-माना नाम बन चुकी हरलीन विज्ञापनों की दुनिया में एक एस्टैब्लिश्ड मॉडल के रूप में जानी जाती हैं। पेश है, हरलीन सेठिया से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-अपने बारे में कुछ बताएंगी?
मेरा परिवार मुंबई में रहता है। मेरे पिता डॉक्टर और मां सायकोलॉजिस्ट हैं। हम दो बहनें और एक भाई हैं। कॉलेज के दिनों से ही मुझे अभिनय से लगाव हो गया था लेकिन अभिनय में जाने के लिए कोई सोर्स, कला और ऑनस्क्रीन अनुभव होना चाहिए। खैर, मुझे धीरे-धीरे विज्ञापन मिलते गए और पीयर्स साबुन के विज्ञापन से मेरी पहचान बनी और ‘राजी’, ‘उरी’ जैसी कामयाब फिल्मों में मैंने काम किया।
आपने हॉलीवुड के भी प्रोजेक्ट्स किए। आपको इंडियन और हॉलीवुड फिल्मों में क्या अंतर नजर आया?
हॉलीवुड फिल्मों की प्लानिंग बहुत ही बारीकी से की जाती है। उनके प्रोडक्शन डिजायनर यह मानकर चलते हैं कि सेफ्टी पिन से लेकर हाथी तक कुछ भी ऐन वक्त पर लग सकता है इसलिए बड़े सुव्यवस्थित ढंग से उनका काम मैनेज होता है। हर छोटे-से-छोटे काम के लिए अलग डिपार्टमेंट होता है और हर बंदा अपने काम और जिम्मेदारी के प्रति काफी वफादार होता है। कोई चीज इधर से उधर नहीं होती इसलिए सबका वक्त बचता है और काम का रिजल्ट उम्दा होता है। बॉलीवुड फिल्मवाले अब अपने कॉन्टेंट पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। शूटिंग डेट्स में ही शूटिंग खत्म हो जाती है, एक्स्ट्रा डेट्स नहीं देनी पड़ती।
कितना अलग है निम्रत का किरदार?
निम्रत मेरे जीवन की पूंजी बन चुकी है। इस किरदार ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, निम्रत को कहानी में गाली-गलौज भी सुननी पड़ती है, मुझे लगता है निम्रत ने मुझे सहनशील होना सिखाया, इसने कहीं-न-कहीं यह बताया कि भले ही राज पुरुषों का क्यों न हो, निम्रत को डरने की जरूरत नहीं, सच्चाई से आगे बढ़ने की आवश्यकता है। असलियत में मेरी मातृभाषा पंजाबी है, लेकिन घर में हम हिंदी या अंग्रेजी में बातचीत करते हैं। हम भारतीयों को अपनी मातृभाषा में बात करनी आनी चाहिए। मैंने जब तक निम्रत का किरदार नहीं निभाया, मुझे खुद अपनी भाषा पंजाबी में बात करना नहीं आता था। मैं सिर्फ अपने दादा-दादी, नाना-नानी से ही पंजाबी में बातचीत करती थी। लेकिन शो ‘कोहरा’ हिंदी और पंजाबी भाषा में है, जिसकी स्क्रिप्ट मुझे गुरमुखी फॉन्ट में मिलती थी। कई बातें मुझे इनडायरेक्टली निम्रत ने सिखाई। निम्रत बहुत रूटेड है, जमीन से जुड़े इस किरदार ने आज की हरलीन को बनाया है, यह लाइफ टाइम किरदार है।
‘कोहरा’ एक रहस्य प्रधान शो है, इसकी सफलता के पीछे क्या वजह है, जबकि इस दौर में फिल्म, टीवी और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कई सारे थ्रिलर शोज हैं?
इसकी सफलता के पीछे टाइट स्क्रिप्ट है, बेहद अच्छी कहानी और कलाकारों की अच्छी परफॉर्मेंस है। अगर इसकी कहानी और शो दिलचस्प न होता तो हर सेलेब्रिटी अपने सोशल मीडिया पर शो की तारीफ न करता, जो एक ब्यूटीफुल फीलिंग है। मैं इस शो की पैâन बन गई, जिसने मेरी जिंदगी बना दी।
आपकी अब तक की जर्नी वैâसी रही?
जिंदगी हो या करियर, वो रोलर कोस्टर ही होता है। आप मुझे एक व्यक्ति बताइए, जिसके जीवन में कोई भी कठिनाई नहीं आई हो। अमिताभ बच्चन हों, जितेंद्र हों या अन्य कोई भी सुपरस्टार हो, जीवन में सभी को बहुत संघर्ष करना पड़ा। बिना संघर्ष के जीवन नहीं होता। मुझे खुशी तब मिलती है, जब मुझे मेरे किरदार से ऑडियंस जानने लगती है। यह बड़ा सुकून है।