साइबर सुरक्षा एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने एंड्रॉयड यूजर्स को साइबर सुरक्षा संबंधी समस्याओं का सामना करने के प्रति आगाह किया है। सर्ट-इन ने बताया कि उन्होंने एंड्रॉयड वर्जन १२, न्१२थ्, न्१३ और न्१४ में उच्च जोखिम वाले खतरों को देखा है। बकौल सर्ट-इन, एंड्रॉयड में ये खामियां फ्रेमवर्क, सिस्टम, आर्म कंपोनेंट्स, मीडियाटेक कंपोनेंट, गूगल प्ले सिस्टम अपडेट्स, क्वॉलकॉम क्लोज्ड-सोर्स कंपोनेंट्स व अन्य की वजह से हैं। अनुसंधान टीम ने पहले ही उन लोगों के लिए `उच्च गंभीरता जोखिम’ की चेतावनी जारी कर दी है जो अभी भी उपर्युक्त एंड्रॉयड संस्करणों का उपयोग कर रहे हैं। सर्ट-इन ने बताया कि अगर इस कमजोरी का फायदा उठाया जाए तो हैकर्स को `अधिक विशेषाधिकार प्राप्त करने और लक्षित सिस्टम पर संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने’ की अनुमति मिल सकती है। इसका मतलब है कि प्रभावित उपयोगकर्ताओं के डिवाइस को हैकर द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। फिर वे अंतत: पीड़ित के डिवाइस से उसकी संवेदनशील जानकारी तक पहुंच सकते हैं और उसे चुरा सकते हैं।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि सर्ट-इन ने स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा मुद्दों के खिलाफ चेतावनी जारी की है। पिछले साल सर्ट-इन ने एक नोट में कहा था, `सैमसंग उत्पादों में कई कमजोरियां बताई गई हैं जो हमलावर को लागू सुरक्षा प्रतिबंधों को दरकिनार करने, संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने और लक्षित सिस्टम पर मनमाना कोड निष्पादित करने की अनुमति दे सकती हैं।’