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भाजपा का सुपड़ा साफ …सीनेट चुनाव में शिवसेना ने जीती सभी १० सीटें

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव में युवासेना ने घाती-भाजपा को जोरदार झटका दिया है। सीनेट चुनाव में सभी दसों सीटों पर युवासेना के उम्मीदवारों ने दमदार जीत हासिल की। दूसरी ओर इस चुनाव में भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का सूपड़ा साफ हो गया। इस तरह युवासेना ने सीनेट चुनाव में अपनी जीत की परंपरा बरकरार रखी है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई यूनिवर्सिटी के दस स्नातक पंजीकृत सीनेट का कार्यकाल अगस्त २०२२ में समाप्त हो गया था। ऐसे में अवधि की समाप्ति से पहले चुनाव आयोजित करना और सीनेट की स्थापना करना आवश्यक था, लेकिन राज्य में गंदी राजनीति और गद्दारी करके सत्ता में आई घाती-भाजपा सरकार ने हार के डर से सीनेट चुनाव कराने की हिम्मत नहीं की। इस चुनाव को यूनिवर्सिटी ने घाती सरकार के दबाव में अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था, लेकिन मुंबई हाई कोर्ट ने घाती और भाजपा को फटकार लगाते हुए चुनाव कराने का आदेश दिया। इसके बाद मतदान की प्रक्रिया पूरी हुई।

सीनेट चुनाव में युवासेना का डंका! …घाती-भाजपा को जोरदार झटका

मुंबई यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव में युवासेना का डंका बजा है। वहीं घाती-भाजपा को जोरदार झटका लगा है। सीनेट चुनाव में सभी दसों सीटों पर युवासेना के सिपहसालारों ने दमदार जीत हासिल की। इस तरह युवासेना ने सीनेट चुनाव में अपनी जीत की परंपरा बरकरार रखी है। कल घोषित परिणाम में युवासेना के प्रदीप सावंत, मिलिंद साटम, एड. अल्पेश भोईर, परमात्मा यादव, किसन सावंत, शशिकांत झोरे, शीलत शेठ-देवरुखकर, धनराज कोहचडे, मयूर पांचाल और स्नेहा गवली ने जीत हासिल की। इस चुनाव में भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का पूरी तरह से सफाया हो गया।
मुंबई यूनिवर्सिटी के दस स्नातक पंजीकृत सीनेट का कार्यकाल अगस्त २०२२ में समाप्त हो गया था। ऐसे में अवधि की समाप्ति से पहले चुनाव आयोजित करना और सीनेट की स्थापना करना आवश्यक था, लेकिन राज्य में गंदी राजनीति और गद्दारी करके सत्ता में आई घाती-भाजपा सरकार ने हार के डर से सीनेट चुनाव कराने की हिम्मत नहीं की। इसका मुख्य कारण यह था कि पिछले सभी चुनावों में भी घाती-भाजपा को करारी हार मिली थी। दिलचस्प बात यह है कि दो साल बाद २१ सितंबर को होने वाले चुनाव को यूनिवर्सिटी ने घाती के दबाव की वजह से अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था। लेकिन मुंबई हाई कोर्ट ने घाती और भाजपा को फटकार लगाते हुए चुनाव कराने का आदेश दिया। इसके बाद मतदान की प्रक्रिया पूरी हुई। दिलचस्प बात यह है कि वोटिंग के बाद भी घाती-भाजपा ने वोटों की गिनती रोकने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन इस याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसलिए वोटों की गिनती कल यूनिवर्सिटी के किला परिसर के दीक्षांत हॉल में की गई। पिछले कई सालों से मुंबई यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव में युवासेना का दबदबा रहा है। युवासेना के माध्यम से छात्रों, कर्मचारियों, शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और स्नातकों के मुद्दों को हल किया जा रहा है। इसलिए सीनेट चुनाव में भी युवासेना को स्नातकों का समर्थन मिला है। पिछले चुनाव में भी युवासेना ने १० में से १० सीटें जीती थीं, जबकि इस साल भी शाम तक १० में से ७ सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। इसके अलावा यह तस्वीर भी साफ है कि इस बार मुंबई यूनिवर्सिटी में `शत प्रतिशत’ युवासेना आएगी, क्योंकि वह तीनों सीटों पर आगे चल रही है।
भाजपा का सूपड़ा साफ
सीनेट चुनाव में हार के डर से घाती और मनसे ने चुनाव का मैदान छोड़ दिया था। दूसरी तरफ चुनाव लड़ने वाली भाजपा के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस चुनाव में हार गई और उसका सूपाड़ा ही साफ हो गया है। मुंबई यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव में युवासेना के प्रदीप सावंत ने लगातार तीसरी बार वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की है। प्रदीप सावंत को प्रथम वरीयता के १,३३८ वोट मिले।

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