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विकास के नाम पर १०० साल पुराना मंदिर हटाया! …सड़क के चौड़ीकरण में बाधा बताकर स्थानांतरित की गईं मूर्तियां

प्रेम यादव / भायंदर
मीरा-भायंदर के घोडबंदर गांव स्थित १०० साल से भी अधिक पुराने सगनायदेवी माता मंदिर को स्थानांतरित किए जाने की कार्रवाई भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच पूरी की गई। यह कदम मीरा-भायंदर महानगरपालिका द्वारा नेशनल हाईवे ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के नोटिफिकेशन और उच्च न्यायालय के आदेशों के तहत उठाया गया।
दरअसल, यह मंदिर उस जगह पर स्थित था, जहां से नेशनल हाईवे गुजर रहा है। मंदिर के दोनों ओर सड़क होने और वाहनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न होने के चलते यह स्थान विकास कार्यों, विशेष रूप से सड़क चौड़ीकरण में रुकावट बना हुआ था। एनएचएआई प्रशासन को कई बार मंदिर के स्थानांतरण के लिए सूचित किया गया था। प्रशासन ने मंदिर के प्रति लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्वक और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न कराई। मंदिर तोड़ने से पहले घोडबंदर गांव के श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजा-अर्चना की और देवी की मूर्तियों को सुरक्षित निकाला गया। अब इन मूर्तियों को पास ही में बनाए गए नए मंदिर में विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा कर स्थापित किया जाएगा।

यह विध्वंस की कार्रवाई नहीं -पानपट्टे
मीरा-भायंदर मनपा के अतिरिक्त आयुक्त संभाजी पानपट्टे ने बताया कि यह कोई विध्वंस की कार्रवाई नहीं है, बल्कि मंदिर को श्रद्धा के साथ स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से नहीं लिया गया है, बल्कि विकास कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए यह करना अनिवार्य था। पानपट्टे ने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन पूरी संवेदनशीलता के साथ धार्मिक भावनाओं का सम्मान कर रहा है और सभी आवश्यक धार्मिक विधियों का पालन किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में स्थानीय लोगों का भी पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है।

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